दहेज प्रताड़ना से तंग आकर पति कर रहा अनोखा काम! कहा- जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय

Edited By meena, Updated: 11 Jun, 2025 04:47 PM

tired of dowry harassment the husband is doing a unique thing

अब जेल की हवा खाओगे!' ऐसी धमकी सिर्फ फिल्मों की स्क्रिप्ट में नहीं बल्कि रियल जिंदगी में भी सुनने को मिल जाती है...

जावद (सिराज खान) :  'मैं तुम्हें सबक सिखा दूंगी… अब जेल की हवा खाओगे!' ऐसी धमकी सिर्फ फिल्मों की स्क्रिप्ट में नहीं बल्कि रियल जिंदगी में भी सुनने को मिल जाती है। यह डायलॉग तब और डरावना हो जाता है जब ये धमकी दहेज प्रताड़ना या घरेलू हिंसा के केस में फंसाने को लेकर होती है। आज हम आपको एक ऐसे ही मामले से रूबरू कराने जा रहे है जहां अठाना के कृष्णकुमार धाकड़ (केके) को अपनी यूपीएससी की पढ़ाई छोड़ राजस्थान के अंता क्षेत्र में चाय की दुकान लगानी पड़ी है और यह दुकान महज चाय बेचने या कमाई करने का उद्देश्य नहीं, बल्कि इसके पीछे केके धाकड़ के जीवन में घटित उस पल की पुरी कहानी छुपी है, जो शायद इसलिए केके धाकड़ ने अपनी चाय की दुकान का नाम आईपीसी की धारा '498ए टी कैफे' रखा है। चाय की टपरी के आप-पास लगे बेनर और होर्डिंग भी चीख-चीख कर न्याय की गुहार लगाते दिख रहे हैं। कहीं लिखा गया है 'जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय' तो कही लिखा है 'आओ चाय पर करे चर्चा... 125 में कितना देना पड़ेगा खर्चा'। बात महज इन होर्डिंग और बेनरों तक ही खत्म नहीं होती केके धाकड़ ने अपनी प्रताड़ना को जगजाहिर करने के लिए चाय की दुकान पर वरमाला और एक दुल्हे का सेहरा भी दुकान पर सजा रखा है। साथ ही हाथों में हथकड़ी पहनकर चाय बनाई जा रही है, जो कहीं न कहीं पत्नी की प्रताड़ना और देहज के झूठे प्रकरण से न्याय मांगता दिख रहा है।

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जानिए केके की पूरी कहानी

नीमच जिले से करीब 22 किमी दूर अठाना क्षेत्र के रहने वाले केके धाकड़ का विवाह राजस्थान के अंता क्षेत्र में रहने वाली एक महिला के साथ 6 जुलाई 2018 में संपन्न हुआ था। जिसके बाद वर्ष 2019 में केके धाकड़ ने सहपत्नी अंता जिले से मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली थी। दोनों दंपत्ति ने अठाना क्षेत्र से ही मधुमक्खी पालन का कार्य साथ में शुरू किया था। जिसके बाद धीरे-धीरे कारोबार बढ़ने लगा और कई बेरोजगार महिलाओं को भी केके धाकड़ और उनकी पत्नी ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उन्हें रोजगार देना आरंभ किया। 8 अप्रैल 2021 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में पहली बार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले इस कार्य की सराहना करते हुए केके धाकड़ द्वारा संचालित किए जा रहे मधुमक्खी पालन के कारोबार का शुभारंभ किया था। जिसके बाद करीब 1 वर्ष में मधुमक्खी पालन और शहद के व्यापार ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दूर-दूर तक शहद की डिमांड बढ़ने लगी, लेकिन इसी बीच केके धाकड़ की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जहां सब कुछ बिखर कर रह गया। वर्ष 2022 के अक्टूबर माह में केके धाकड़ की पत्नी अचानक रूठकर अपने पीहर अंता चली गई और तभी से शहद का कारोबार ठप्प हो गया। कुछ माह बाद केके की पत्नी ने घरेलू हिंसा और देहज प्रताड़ना को लेकर आईपीसी की धारा 498ए और खर्चा मांगने के लिए धारा 125 के तहत न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवा दिया और इन सबसे प्रताड़ित होकर केके धाकड़ ने एक अनोखा कदम उठाते हुए अपने ससुराल क्षेत्र में ही 498ए वाले बाबा के नाम से एक चाय की टपरी लगाई है।

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केके का कहना

मध्यप्रदेश के छोटे से नीमच जिले के अठाना रहवासी केके धाकड़ से हमने चर्चा की तब उन्होंने बताया कि आज के परिवेश में सबकुछ मॉर्डन हो गया है और इसी चकाचौंध में कई जीवन बर्बाद हो रहे हैं। हाल ही में मेरठ के सौरभ-मुस्कान का मामला ठंडा हुआ ही था कि इंदौर का एक और सनसनीखेज मामला उजागर हो गया। इंदौर की नई नवेली दुल्हन जिसका नाम सोनम बताया जा रहा है। उसने अपने चंद दिनों के प्यार और रूपयों के खातिर अपने ही पति राजा रघुवंशी की बेरहमी से हत्या कर दी। आज के जमाने में कई महिलाएं पुरूषों को डरा-धमका कर रखती है और कानून का सहारा लेकर उन्हें झूठे केसों में फंसा भी देती है। ऐसा ही मामला मेरे साथ हुआ है। झूठे केस में सब कुछ बर्बाद हो गया है। पिछले 3 वर्षों से झूठे प्रकरण में फंसकर राजस्थान के अंता जिले में न्याय के लिए दर-दर भटक रहा हूं। मेरी एक बूढ़ी मां है जिसका एक मात्र मैं ही सहारा हूं। सब कुछ बर्बाद होने के बाद टीन शेड में जीवन व्यथित करना पड़ रहा है। महिला संबंधित प्रकरण एक ऐसा प्रकरण जहां मानसिक ही बल्कि सामाजिक भी प्रताड़ना झेलने को मजबूर होना पड़ता है। कई बार सोचा कि आत्महत्या कर लूं, लेकिन फिर ख्याल आया कि मेरी एक बूढ़ी मां है, जिसका मात्र एक मैं ही सहारा हूं।

पत्नी द्वारा लगाए गए 498ए के झूठे प्रकरण से प्रताड़ना झेल ही रहा हूं कि अब 125 की धारा डबल झेलना पड़ रही है और इसी प्रताड़ना से तंग आकर मैंने फैसला लिया है कि अब जहां कानून का दुरूपयोग कर मुझे फंसाने की साजिश रची गई है। उसी क्षेत्र में '498ए टी कैफे' के नाम से चाय बेचकर कानून के साथ निष्पक्ष लड़ाई लड़ता रहूंगा और इसलिए मैंने यह भी श्लोगन लिखा है कि 'जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय'।

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