Edited By meena, Updated: 26 Nov, 2024 06:10 PM
एक किसान की जिंदगी त्याग, मेहनत और संघर्ष का जीता-जागता उदाहरण है...
गुना (मिस्बाह नूर) : एक किसान की जिंदगी त्याग, मेहनत और संघर्ष का जीता-जागता उदाहरण है। जब सर्द रातों में लोग गर्म रजाइयों में दुबके होते हैं, तब वही किसान ठिठुरती ठंड में अपने खेतों में खड़ा होकर अपनी फसलों की देखभाल करता है। कीचड़ में पैर धंसाकर, कांपती उंगलियों से काम करते हुए और ठंडी हवाओं के थपेड़े सहते हुए, वह अपनी रोजी-रोटी और दूसरों की थाली के लिए दिन-रात जुटा रहता है।
गुना जिले के राघौगढ़ इलाके में एक हृदय विदारक हादसा हुआ, जब ठंड से बचने के लिए जलाए गए अलाव ने एक बुजुर्ग किसान की जान ले ली। 80 वर्षीय गोविंद सिंह भील की झोपड़ी में देर रात आग लगने से उनकी जिंदा जलकर मौत हो गई। सुबह का मंज़र बेहद दर्दनाक था—जहां कभी जिंदगी की हलचल थी, वहां अब केवल राख और उनका कंकाल रह गया था।
जंजाली चौकी के गोडिया गांव के निवासी गोविंद सिंह खेतों में सिंचाई का काम कर रहे थे और इसी कारण अपनी झोपड़ी में रहते थे। सोमवार रात उन्होंने कड़ाके की ठंड से बचने के लिए आग जलाई और उसे तापने के बाद झोपड़ी में सो गए। रात के अंधेरे में अलाव की लपटें झोपड़ी में फैल गईं, लेकिन गोविंद सिंह गहरी नींद में होने के कारण समय रहते बाहर नहीं निकल सके। आग ने सब कुछ अपनी चपेट में ले लिया। पास के खेत में उनके परिवार के लोग मौजूद थे, लेकिन जब तक उन्हें घटना की खबर लगी और वे वहां पहुंचे, तब तक सब खत्म हो चुका था। परिवार ने अपने सामने बुजुर्ग का अधजला शव देखा, जो उनकी बेबसी और पीड़ा को बयां कर रहा था। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।