नगरीय निकाय चुनाव में आप की धमाकेदार एंट्री, 2023 के विधानसभा चुनाव में बीेजेपी-कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकती है AAP?

Edited By Devendra Singh, Updated: 19 Jul, 2022 06:56 PM

aap strong entry in urban body election 2022

मध्य प्रदेश में हुए स्थानीय निकायों के चुनावों में आप ने शानदार एंट्री की है। जिसके चलते अब कांग्रेस और बीजेपी (congress and bjp) में चिंता की सलवटें साफ़ नज़र आने लगीं हैं।

ग्वालियर (अंकुर जैन): नगर निगम (mp urban body election 2022) में आम आदमी पार्टी (AAP) ना तो मेयर का चुनाव जीती और ना ही वह अपना एक भी पार्षद जीता पाई। लेकिन बावजूद इसके सियासी गलियारों में बीजेपी और कांग्रेस को उसका भय सताने लगा है। स्थानीय निकायों के चुनावों में उसने चुपके से जो शानदार एंट्री की है उसके चलते अब कांग्रेस और बीजेपी (congress and bjp) दोनों ही दलों के नेताओं के माथे पर चिंता की सलवटें साफ़ नज़र आने लगीं हैं। इसकी वजह है कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव (assembly election 2023)। आप ने केवल ग्वालियर शहर में ही 71 हजार से ज्यादा वोट बटोरकर इस चिंता को और भी साफ कर दिया है। 

तीसरे नंबर पर रही मेयर 

अब तक के चुनाव चाहें लोकसभा हो, विधानसभा हो, मेयर या पार्षद दलीय आधार पर सीधा मुकाबला कांग्रेस बनाम बीजेपी ही होता था। कुछ वार्डों में कभी-कभार आम आदमी पार्टी अपनी आमद दर्ज जरूर कराती थी। लेकिन अब उसका भी कोई ख़ास जोर नहीं रहा। लेकिन इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal of delhi cm) की आम आदमी पार्टी ने पहली बार ही में धमाकेदार एंट्री कर न केवल राजनीतिक प्रेक्षकों का ध्यान खींचा है। बल्कि सारे सियासी समीकरण गड़बड़ा दिये। उसकी मेयर पद की उम्मीदवार रूचि गुप्ता (ruchi gupta) तीसरे नंबर पर रही। उन्होंने 45 हजार 762 वोट हासिल कर सबको चौंका दिया।

कांग्रेस से आईं आप ने मेयर का उम्मीदवार बनाया 

कांग्रेस से आकर चुनाव लड़ीं रूचि गुप्ता मूलतः डाइटीशियन हैं। कुछ साल पहले उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा जागी और उन्होंने कांग्रेस से जुड़कर काम शुरू किया। कमलनाथ ने उन्हें महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी बनाया। लेकिन जैसी कि कांग्रेस की संस्कृति है, पार्टी के वरिष्ठ पुरुष और महिला नेताओं ने उनकी टांग खिंचाई शुरू कर दी। विवाद मीडिया से बढ़कर सड़क तक आ गया। आखिरकार कमलनाथ (kamalnath) ने उन्हें जिला अध्यक्ष पद से हटाकर प्रदेश महिला कांग्रेस में महामंत्री के पद पर शिफ्ट कर दिया। लेकिन रूचि समझ गई कि कांग्रेस में वह काम नहीं कर पाएंगी। इस बीच नगर निगम चुनावों की घोषणा हो गई। आप नेताओं ने उनसे संपर्क किया और अचानक उनको मेयर पद के लिए आप का टिकट देकर मैदान में उतार दिया। 

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शानदार प्रदर्शन किया 

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस- बीजेपी ही नहीं मीडिया भी आम आदमी पार्टी को गंभीरता से नहीं ले रही थी। लेकिन मतदान के दिन ही साफ़ हो गया कि आप ने बहुत वोट लिए है। खासकर युवा और महिला उन्हें बीएसपी से ढाई गुना से भी ज्यादा वोट मिले है। आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार अपने पार्षद प्रत्याशियों को लेकर भी चुनावी मैदान में उतरी। हालांकि उसका एक भी उम्मीदवार जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच सका। लेकिन उसके प्रत्याशियों ने 25 हजार 632 वोट बटोरकर अनेकों के समीकरण गड़बड़ा दिए। तीन वार्डों में आप उम्मीदवारों ने कड़ी टक्कर देते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। जबकि 14 वार्ड में उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। अनेक वार्ड में तो उसके प्रत्याशियों ने तो एक से लेकर ढाई हजार तक वोट हासिल कर लिए। 

वार्ड 15 का बिगाड़ा गणित

आप ने खूब बटोरे। परिणाम भी यही बताते हैं। पहली बार मैदान में उतरी आप प्रत्याशी को जीत भले ही न मिली हो। लेकिन उसने 45 हजार 762 वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर आ गई। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि उन्हें भरोसा था कि उनके कम से कम 5 पार्षद जीत जाएंगे। लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले में दो तो नजदीक पहुंचकर हार गए। लेकिन चुनावों का विश्लेषण बताता है कि आम आदमी पार्टी ने कम से कम 15 वार्डों में जीत के सभी समीकरण बदल दिए। जिससे परिणाम भी बदल गए। 

संभाग में भी अच्छा प्रदर्शन 

पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने ग्वालियर में भले ही कोई पार्षद की सीट नहीं जीती हो। लेकिन उसने संभाग भर में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। भिंड जिले के दबोह और आलमपुर, ग्वालियर जिले की आंतरी और डबरा तथा मुरैना जिले के अम्बाह - पोरसा में उसने जीत का खाता भी खोला है और उनके कई प्रत्याशी मामूली अंतर से हारे हैं। अपने प्रदर्शन से आप कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह का संचार हुआ है। 

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23 को लेकर खौफ का माहौल 

भले ही कांग्रेस और बीजेपी के नेता फिलहाल आप को कोई खतरा नहीं मान रहे है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता के राम पांडे कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी के मेयर पद पर 45 हजार वोट आना बड़ी बात है। लेकिन इससे कोई सियासी बदलाव की संभावना के संकेत नहीं मिलते। उनका कहना है कि कभी -कभी तो इतने वोट बागी ले जाते हैं। पिछले विधानसभा चनाव में बीजेपी की बागी समीक्षा गुप्ता काफी वोट ले गई थी। बीएसपी जैसी पार्टी भी अब सिर्फ 20-25 हजार पर अटकी है। क्योंकि एमपी में जनता बदलाव चाहती है और वह विकल्प से ही हो सकता है। प्रदेश में बीजेपी को सत्ता से सिर्फ कांग्रेस ही हटा सकती है। क्योंकि उसी के पास एक मजबूत सांगठनिक ढांचा और जनाधार है। ऐसा ही विचार बीजेपी के नेता रखते हैं। वह तो ग्वालियर की करारी पराजय के बाद भी यह दावा करते हैं कि अंचल बीजेपी ही आमजन की पसंद है। इसलिए उसके विकल्प की किसी को तलाश भी नहीं है। लेकिन सच बात ये है कि आप के प्रदर्शन के बाद के खतरे की घंटी उन्हें साफ सुनाई दे रही है, जो उन्हें डरा भी रही है।

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मैं लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं: रूचि गुप्ता 

इस मामले में ग्वालियर महापौर की आप से उम्मीदवार रूचि गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश में बना ली है। रूचि गुप्ता ने कहा कि आप ने इस बार के चुनाव में अपनी जीत दर्ज करा दी है और आगे होने वाले सभी चुनाव में आप जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। क्योंकि लोग परिवर्तन चाहते हैं। आप नेता ने कहा कि जिस प्रकार से मुझे अच्छे खासे वोट मिले हैं, उसके लिए मैं उनका दिल से शुक्रिया करना चाहती हूं। रूचि गुप्ता ने मध्य प्रदेश में होने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के विधायक के जीतने का दावा किया।  

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