चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले राजाधिराज, चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दिए दर्शन

Edited By meena, Updated: 05 Aug, 2024 07:32 PM

baba mahakal gave darshan in the form of chandramouliswara

आज सावन के तीसरे सोमवार उज्जैन में महाकाल की सवारी निकाली गई...

उज्जैन (विशाल सिंह) : आज सावन के तीसरे सोमवार उज्जैन में महाकाल की सवारी निकाली गई। राजाधिराज बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले। महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, तो हाथी पर मनमहेश के स्वरूप में विराजित हुए। महाकाल की शाही सवारी से पहले महाकाल लोक स्थित शक्तिपथ पर 1500 वादकों द्वारा एक साथ डमरू की बजा कर महाकाल की नगरी को डमरू की आवाज से गुंजायमान कर वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया।

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महाकाल मंदिर में सुबह 11 बजे तक करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। खंडवा के ओंकारेश्वर में भी रात से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। छिंदवाड़ा के पातालेश्वर मंदिर में तड़के 3 बजे भगवान शिव का तीर्थ जल से अभिषेक हुआ। भोपाल के भोजपुर, बड़ वाले महादेव और गुफा मंदिर में भी पूजा-अर्चना की जा रही है। भोजपुर में 7 क्विंटल फूलों से शिवलिंग को सजाया गया है।

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महाकाल की भस्म आरती के लिए रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2.30 बजे मंदिर के पट खोले गए। भस्म आरती के दौरान भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से बाबा महाकाल का राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया। भस्म आरती के 15 हजार से अधिक श्रद्धालु ने दर्शन किए। मंदिर में बाबा के दर्शन का सिलसिला रात 10.30 बजे तक चलेगा।

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