Edited By Jagdev Singh, Updated: 13 Nov, 2019 11:44 AM
बीजेपी के बर्खास्त विधायक प्रहलाद लोधी को भले ही हाईकोर्ट से राहत मिल गई हो, लेकिन अब भी उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाई है। इसके लिए बीजेपी का प्रतिनिधि मंडल बुधवार को 12 बजे राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करेगा और हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद...
भोपाल: बीजेपी के बर्खास्त विधायक प्रहलाद लोधी को भले ही हाईकोर्ट से राहत मिल गई हो, लेकिन अब भी उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाई है। इसके लिए बीजेपी का प्रतिनिधि मंडल बुधवार को 12 बजे राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करेगा और हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद सदस्यता बहाल करने की मांग करेगा। वहीं इससे पहले पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। मिश्रा ने लोधी की सदस्यता समाप्त करने को लेकर विधानसभा सचिवालय की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। वहीं न्यायालयीन निर्णयों का हवाला दिया है।
वहीं मिश्रा ने बताया कि बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात करेगा और बीजेपी विधायक लोधी की सदस्यता बहाल करने की मांग करेगा। मिश्रा ने कहा कि विधानसभा सचिवालय ने भ्रमपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी है। उसको हम राज्यपाल के सामने स्पष्ट करने के लिए जाएंगें। न्यायालय के जिस आदेश का हवाला देकर विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता निरस्त की है। विधानसभा अध्यक्ष ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फैसला लिया है। विधानसभा सचिवालय ने कोई त्रुटि की है तो सुधारना चाहिए। लोकप्रहरी संस्था वर्सेज चुनाव आयोग कोर्ट पह़ुंचे थे, उसका निर्णय देख लें। फैसला लेने में मदद मिलेगी। राज्यपाल तो स्वाभाविक रूप से हस्तक्षेप करते ही हैं।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बताया कि विधानसभा सचिवालय का फैसला सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी के इशारे पर उठाया गया कदम है। निचली अदालत ने प्रहलाद लोधी को दो साल की सजा सुनाई तो विधानसभा ने एक दिन में फैसला लेते हुए लोधी की विधायकी को खत्म करने का फैसला ले लिया, जबकि प्रहलाद लोधी की सजा पर हाईकोर्ट की रोक के एक सप्ताह बीतने के बाद अब सचिवालय कोर्ट के फैसले का परीक्षण करने की बात कर रहा है, जो कि न्याय संगत नहीं है। कोर्ट की अवमानना के मामले में विधानसभा सचिवालय आ रहा है, जबकि विपक्ष अपनी भूमिका निभाते हुए राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें प्रहलाद लोधी पर की गई कार्रवाई को रद्द करने की मांग करेगा।