बीजेपी की नपा अध्यक्ष को नगरीय प्रशासन ने पद से हटाया, धांधली के आरोप

Edited By Vikas kumar, Updated: 25 Aug, 2019 03:19 PM

bjp president removed urban administration allegations of rigging

बीजेपी की नपा अध्यक्ष अमिता अरोरा को शासन ने गंभीर अनियमितताओं में दोषी पाए जाने पर पद से पृथक करने के आदेश जारी किए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय के उप सचिव ने आदेश जारी किए हैं

सीहोर(शैलेन्द्र विश्वकर्मा): बीजेपी की नपा अध्यक्ष अमिता अरोरा को प्रशासन ने गंभीर अनियमितताओं में दोषी पाए जाने पर पद से पृथक करने के आदेश जारी किए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय के उप सचिव ने आदेश जारी किए हैं। अमिता के खिलाफ यह कार्रवाई एडीएम वीके चतुर्वेदी के नेतृत्व में की गई है। एडीएम की रिपोर्ट आने के बाद नगरीय प्रशासन ने नगर पालिका अध्यक्ष अमिता को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार अवसर दिया, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा। जिसके बाद शनिवार को प्रशासन ने अरोरा को पद से पृथक करने के आदेश जारी किए हैं।

बता दें कि बाल बिहार में 5 लाख 40 हजार के शेड निर्माण, बाल पेंटिंग में 10 लाख का भुगतान और सीटू नाले के गहरीकरण में ठेकेदार को किया 2 करोड़ 85 लाख के भुगतान मामले में शासन की जांच में दोषी पाए जाने पर हुई कार्रवाई। नगरीय प्रशासन ने अनियमित्ताओं की जांच के बाद 26 जुलाई को नोटिस जारी किया था। जिसका जबाव नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा को सात दिने में देने के लिए कहा गया था। वहीं अध्यक्ष ने अपना पक्ष नहीं रखा, जिसके बाद उन्हें फिर13 अगस्त को फिर से उन्हें सुनावाई का अवसर दिया गया। लेकिन इस बार भी उन्होंने निजी कारणों का हवाला देकर सुनवाई केलिए अगली तिथि 19 अगस्त करने का आग्रह किया। नगरीय प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई सुनवाई की अगली तिथि 19 अगस्त को भी की तरफ से अपना पक्ष नहीं रखा गया। जिसे लेकर 24 अगस्त को नगरीय प्रशासन ने अमिता अरोरा को नगर पालिका सीहोर के अध्यक्ष पद से पृथक करने के आदेश दिए।

बाल विहार ग्राउंड में शेड निर्माण 
नगर पालिका द्वारा बाल विहार ग्राउंड में विभागीय तौर पर परिषद के संकल्प क्रमांक 13 तिथि 20 अप्रैल 2016 के अनुसार पांच लाख 40 हजार रुपए सामग्री क्रय कर की गई। मध्यप्रदेश नगर पालिका (पीआईसी) नियम 1998 में पूर्व में स्वीकृत दरों पर कार्य करने का कोई प्रावधान नहीं है। टीनशेड का निर्माण बिना निविदा आमंत्रित किए कराया गया। इसमें के नियम 1998 के नियम 5 (5), (6), (7) का उल्लंघन किया गया। इस कार्य के लिए कोई स्वीकृति नहीं ली गई थी।

बाल पेटिंग कार्य
नगर पालिका द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो लाख रुपए की ईनिविदा क्रमांक 68764 तिथि 22 सितंबर 2018 को जारी की गई, जिसकी प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई। जांच में सामने आया कि दो लाख की निविदा के विरुद्ध 10 लाख 74 हजार 695 रुपए का कार्य कराया गया, जिसमें से 7 लाख 40 हजार 645 रुपए का भुगतान कर दिया गया। उपरोक्त कार्य की स्वीकृति प्राप्त किए बिना भुगतान करना मध्यप्रदेश नगर पालिका लेखा नियम 1971 की धारा 131 के प्रावधानों का उल्लंघन है।

सीटू नाला कार्य
उच्च न्यायालय में दायर अवमानना के पालन में कलेक्टर द्वारा छह महीने में सीटू नाले के किनारे बने 328 मकानों को हटाए जाने के निर्देश दिए गए थे। नगर पालिका परिषद की बैठक में 27 फरवरी 2018 के प्रस्ताव क्रमांक 08 द्वारा नाले की खुदाई के लिए जेसीबी, पोकलेन, डंपर किराए पर लिए जाने की स्वीकृति दी गई। 24 फरवरी 2018 से 02 जुलाई 2018 तक स्वीकृत दरों पर तीन पोकलेन, पांच डंपर, एक जेसीबी को किराए पर लेकर दो करोड़ 85 लाख 98 हजार 400 रुपए का कार्य कराया गया, जिसमें से दो करोड़ 30 लाख 600 रुपए का भुगतान कर दिया गया है। जिसमें काफी अनियमित्ताएं हुई। 

कांग्रेस कर रही सत्ता का दुरूपयोग
वहीं नगरीय प्रशासन की कार्रवाई के बाद अमिता अरोरा ने कहा है कि राज्य सरकार ने जो आरोप लगाएं हैं वह पूरी तरह झूठे हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। अरोरा ने आगे कहा विकास और निर्माण कार्य विधि के अनुसार किए गए हैं। अगर कोई अनियमितता हुई है तो उसकी जिम्मेदारी और निर्माण कार्य देखने वाले कर्मचारियों की है।

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