Edited By suman, Updated: 21 Dec, 2018 11:17 AM
मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही खाद की किल्लत हो गई है। कर्ज़ से राहत पाने वाले किसान अब खाद की कमी से परेशान हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने राज्य में खाद की
भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही खाद की किल्लत हो गई है। कर्ज़ से राहत पाने वाले किसान अब खाद की कमी से परेशान हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने राज्य में खाद की सप्लाई कम कर दी है, जिस वजह से ये हालात पैदा हुए हैं। खाद की कमी ने कमलनाथ सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसे लेकर पूरे प्रदेश से किसानों के प्रदर्शन की खबरें आईं, तो सीएम कमलनाथ ने तत्काल कृषि विभाग के अफसरों की बैठक बुला ली। उन्होंने अफसरों के साथ मैराथन चर्चा की। कमलनाथ ने इस संबध में ट्वीट भी जारी किया है।
मध्य प्रदेश को 3 लाख 70 हज़ार मीट्रिक टन खाद की ज़रूरत है, लेकिन इस महीने उसे सिर्फ 1 लाख 90 हजार मीट्रिक टन खाद दी गई। प्रदेश को रोज़ाना करीब 8 रैक खाद चाहिए। खाद की किल्लत होते ही जब किसानों का आक्रोश बढ़ा तो सीएम कमलनाथ ने अफसरों की बैठक बुलाई। उसके बाद उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा से बात की।
कृषि विभाग ने करीब 85 रैक खाद की मांग की है, जिसे केंद्र ने भी पूरा करने का आश्वासन दिया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार बदलने के बाद खाद की सप्लाई पर असर पड़ा है। जबकि पिछले महीने 3.70 लाख मीट्रिक टन की डिमांड के मुकाबले 4 लाख 10 हज़ार मीट्रिक टन खाद केंद्र की ओर से भेजी गई थी। मध्य प्रदेश में इस साल गेहूं का रकबा भी बढ़ा है। पिछली बुवाई के आंकड़ों की बात करें तो 40 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 52 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुआई की गई है।