Edited By Devendra Singh, Updated: 08 May, 2022 07:02 PM
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एडवोकेट देशराज भार्गव ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के खिलाफ एक परिवाद दायर किया है। जिसकी सुनवाई 11 मई को कोर्ट करेगा।
ग्वालियर (अंकुर जैन): मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (pradhuman singh tomar) के खिलाफ विद्युत लाइन को ठीक करने के लिए खुद खंबे पर सीढ़ी लगाकर चढ़ने के एक मामले को लेकर एडवोकेट देशराज भार्गव (advocate deshraj bhargav) ने विशेष न्यायाधीश ग्वालियर के यहां परिवाद दाखिल किया है। इस परिवाद में प्रद्युम्न सिंह तोमर (pradhuman singh tomar) के अलावा विद्युत अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। जिस पर अब 11 मई को सुनवाई होगी। दरअसल विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत परिवाद में उल्लेख किया गया है कि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मोतीझील ट्रांसफार्मर की विद्युत लाइन (line of motijheel transformer) पर सीढ़ी लगाई और खुद चढ़कर 11 केव्ही की विद्युत लाइन (electric lines of 11kv) के साथ छेड़छाड़ की गई।
प्रद्युम्न सिंह तोमर को सीढ़ियों के साथ अन्य सामान मुहैया कराना अपराधिक कृत्य
इस मौके पर बिजली विभाग के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद थे। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि प्रद्युम्न सिंह तोमर (pradhuman singh tomar) को सीढ़ी के साथ ही अन्य सामान भी मुहैया कराकर एक तरह से अपराध का काम किया है। इस तरह बिजली विभाग के अधिकारियों (electricity department officers) ने ऊर्जा मंत्री को अपराधिक कृत्य (criminal act) को रोकने की जगह उनको सहयोग दिया, जोकि दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है। परिवाद पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि प्रद्युम्न सिंह तोमर ने उस कृत्य को सोशल मीडिया पर वायरल (viral on social media) करके यह कहा कि वह अधिकारियों को संदेश देना चाहते हैं, ताकि फील्ड में अधिकारी ठीक से काम करे।