Edited By meena, Updated: 10 Aug, 2022 06:12 PM

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासी परिवार के साथ हुई घटना पर दुख जताते हुए एक के बाद एक ट्वीट करते हुए शिवराज सरकार को जमकर घेरा और कटाक्ष किए है। कमलनाथ ने कहा है कि विदिशा जिले की लटेरी के जंगलों में वन विभाग की गोलीबारी में एक...
विदिशा(अमित रैकवार): मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासी परिवार के साथ हुई घटना पर दुख जताते हुए एक के बाद एक ट्वीट करते हुए शिवराज सरकार को जमकर घेरा और कटाक्ष किए है। कमलनाथ ने कहा है कि विदिशा जिले की लटेरी के जंगलों में वन विभाग की गोलीबारी में एक आदिवासी युवक की मृत्यु और तीन आदिवासी युवकों के घायल होने की गंभीर घटना सामने आई है। देश जब आजादी दिवस मना रहा है, तब भी शिवराज सरकार आदिवासियों के दमन और उत्पीड़न के अपने अभियान से पीछे नहीं हट रही है।
आदिवासियों पर सरकारी संरक्षण में अत्याचार करने के बाद सरकार जांच और मुआवजे का पाखंड कर रही है। सरकार मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे (शिवराज सरकार ने मृतक के परिवार के सदस्य के लिए नौकरी की घोषणा कर दी है)
आदिवासियों के नाम पर झूठे तमाशे करने वाली शिवराज सरकार क्या यह बताएगी कि आखिर क्या वजह है कि चाहे नेमावर हो मंदसौर हो या विदिशा हो, हर बार आदिवासियों पर अत्याचार क्यों हो रहा है...? मुख्यमंत्री को तुरंत इस घटना के लिए आदिवासी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार को आड़े हाथों लिया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कल जब आदिवासी समुदाय की संस्कृति और सम्मान में सभी जगह समारोह किए जा रहे थे, तब लटेरी विदिशा में वन विभाग ने आदिवासियों पर फ़ायरिंग की। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 4 घायल हो गए, मैं इस घटना की घोर निंदा करता हूं।
पूर्व मंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस ओंकार सिंह मरकाम विधायक डिंडोरी ने भी आदिवासियों हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से इस्तीफे की मांग कर डाली। मरकाम ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन ही आदिवासियों पर गोलियां क्यों चलाईं गईं.....?
प्रदेश की भाजपा सरकार और उनके नेता केवल दिखावा और पाखंड करते हैं, इनका आदिवासियों के हितों से कोई सारोकार नहीं है। आज प्रदेश में आदिवासियों सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। पांच लाख की मुआवजा और नौकरी देकर आप अपने कृत्यों को नहीं छिपा सकते, अगर आप में तनिक मात्र भी शर्म है तो इस जघन्य कृत्य की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा दें।