Edited By Jagdev Singh, Updated: 26 Mar, 2020 01:25 PM
मध्य प्रदेश में काेराेना के बढ़ते संक्रमण काे काबू करने राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी परेशानी वेंटिलेटर की खड़ी हाे गई है। सरकारी अस्पतालों में जरूरत 755 वेंटिलेटर की है, जबकि हैं केवल 349 ही। हालात यह है कि जिला अस्पतालाें में काेराेना पेशेंट के...
भाेपाल: मध्य प्रदेश में काेराेना के बढ़ते संक्रमण काे काबू करने राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी परेशानी वेंटिलेटर की खड़ी हाे गई है। सरकारी अस्पतालों में जरूरत 755 वेंटिलेटर की है, जबकि हैं केवल 349 ही। हालात यह है कि जिला अस्पतालाें में काेराेना पेशेंट के इलाज के लिए सरकार काे 255 वेंटिलेटर की जरूरत है, लेकिन जिला अस्पतालाें में महज 96 वेंटिलेटर ही उपलब्ध हैं। यह खुलासा स्वास्थ्य संचालनालय की जिला अस्पतालाें में काेराेना पेशेंट के इलाज के इंतजामाें की गैप एनालिसिस रिपाेर्ट में हुआ है।
मध्य प्रदेश में जिला अस्पतालाें में वेंटिलेटर की इस कमी काे दूर करने स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट हाॅस्पिटल्स से वेंटिलेटर लेगा। वहीं दूसरी ओर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भाेपाल, इंदाैर, ग्वालियर, जबलपुर और सागर के मेडिकल काॅलेजाें से संबद्ध अस्पतालाें काे काेराेना पेशेंट ट्रीटमेंट सेंटर बनाना शुरू कर दिया है। यहां काेराेना मरीजाें के इलाज के लिए 253 वेंटिलेटर रिजर्व किए गए हैं। जबकि अनुमानित जरूरत करीब 500 वेंटिलेटर्स की है। पांचाें मेडिकल काॅलेज के डीन ने करीब 100 वेंटिलेटर के खरीदी आदेश जारी कर दिए हैं। इन वेंटिलेटर की डिलीवरी मेडिकल काॅलेजों के हाॅस्पिटल्स काे अगले एक सप्ताह में मिलेगी।
51 जिलों में 96 वेंटिलेटर
अस्पताल
गांधी मेडिकल काॅलेज , भाेपाल 65
एमजीएम मेडिकल काॅलेज, इंदाैर 52
जीआर मेडिकल काॅलेज ग्वालियर 78
बीकेएमसी, सागर 38
मेडिकल काॅलेज जबलपुर 20