शाजापुर में नवाचार से बच्चों के शैक्षिक विकास में हो रही है वृद्धि

Edited By Himansh sharma, Updated: 03 Feb, 2025 06:54 PM

educational development of children is increasing due to innovation in shajapur

आंगनवाड़ी केन्द्रो में 6 जनवरी 2025 से पायलेट प्रोजेक्ट शुरू कराया गया है

भोपाल। प्रारंभिक शिक्षा नई शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण स्तंभ है, इसे देखते हुए शाजापुर कलेक्टर ऋजु बाफना द्वारा नवाचार कर शाला पूर्व शिक्षा के लिए जिले की 200 आंगनवाड़ी केन्द्रो में 6 जनवरी 2025 से पायलेट प्रोजेक्ट शुरू कराया गया है। नवाचार का उद्देश्य बच्चों के मस्तिष्क में प्रारंभिक विकास को गति देना है, जिससे वे स्कूल में प्रवेश से पहले ही एक ठोस शैक्षणिक आधार प्राप्त कर सके। नवाचार की सफलता पर कलेक्टर बाफना ने 1 अप्रैल 2025 से जिले की सभी 1054 आंगनवाड़ी केन्द्रो में शाला पूर्व शिक्षा देने के लिए अगला कदम उठाया है। थीम आधारित शिक्षा शाला पूर्व शिक्षा के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रो की कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा क्षेत्रीय पर्यवेक्षको को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें राज्य शिक्षा केन्द्र से प्राप्त हुई शाला पूर्व शिक्षा मार्गदर्शिका के आधार पर बच्चों को शिक्षा की ओर ले जाने के लिए प्रशि‍क्षित किया गया। प्रशिक्षण में अलग-अलग थीम पर 30 दिवस की कार्ययोजना दी गई, जिमसें बच्चों को मेरा परिवार, सब्जियां, फल, पेड़ पौधे और फूल, हवा, पानी, जानवर, समुदाय और कामगार, वाहन, मौसम और समय पर आधारित शिक्षा प्रदान की जा रही है। शाला पूर्व शिक्षा से बच्चे शैक्षणिक क्षमता लेकर विद्यालयों में प्रवेश लेंगे इससे उन्हें शिक्षा ग्रहण करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पडे़गा। थीम आधारित शिक्षा का उददेश्य बच्चों को समझने व सोंचने की क्षमता को विकसित करना है, जिससे वे विद्यालय में आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सके। इसके लिए बच्चों को थीम डोमेन आधारित पाठ्यक्रम, वर्कबुक, प्री-स्कूल किट आदि भी दी गई है।

PunjabKesariनवाचार के क्रियान्वयन में जनभागीदारी

जिले की 200 आंगनवाड़ी केन्द्रो में प्रारंभ की गई शाला पूर्व शिक्षा के क्रियान्वयन में स्थानीय जन सहयोग से खेल सामग्री एवं स्थानीय उपलब्ध संसाधनों जैसे कि सब्जियां, फल, मिट्टी के खिलौने आदि सामग्रियां भी प्राप्त हो रही है। मॉनिटरिंग एवं प्रभावी क्रियान्वयवन नवाचार के प्रभावी क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए वाट्सएप्प पर ग्रुप बनाया गया है, जिसपर प्रतिदिन की गतिविधियां आंगनवाड़ी केन्द्रो द्वारा साझा की जाती है। किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर तुरंत सुधार के निर्देश दिए जाते है। इसका अवलोकन स्वयं कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी द्वारा की जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्रो के पर्यवेक्षण के लिए सीडीपीओ एवं पर्यवेक्षको को सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, गुरूवार एवं शुक्रवार को दो-दो आंगनवाड़ी केन्द्रो का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए है। मॉनिटरिंग के लिए गूगल फार्म भी तैयार किया गया है, जिसमें विस्तृत प्रश्नों के जवाब देना होता है। साथ ही एक घण्टे के अंतराल से जीपीएस कैमरे से खींची गई दो फोटो भी संलग्न करना होती है। बच्चों की प्रोगेस से संबंधित प्रविष्ठियां दर्ज करने के निर्देश दिये गये है।

PunjabKesariप्रोजेक्ट का सकारात्मक प्रभाव

इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से आंगनवाड़ी केन्द्र समय पर खुल रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है। अभिभावक अपने बच्चों को समय पर आंगनवाड़ी केन्द्रों में भेज रहे है। आंनगवाड़ी केन्द्रो में बच्चों को समय पर नाश्ता, भोजन आदि भी प्रदान किया जा रहा है। कलेक्टर  की इस अभिनव पहल से जिले के बच्चों के शैक्षणिक विकास में गुणवत्तापूर्ण सुधार देखने को मिल रहा है, जिससे बच्चों के भविष्य की शिक्षा की नीव मजबूत होगी। पायलेट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के उपरांत यह पूरे जिले की 1054 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 01 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा, जिससे बच्चों के संपूर्ण शैक्षिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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