Edited By Himansh sharma, Updated: 30 Oct, 2024 07:51 PM
गरियाबंद जिले के लोग हाथी की समस्या से परेशान हैं
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के लोग हाथी की समस्या से इतना अधिक परेशान हैं कि त्योहार के दिन त्यौहार मनाना छोड़ 70 किलोमीटर दूर से अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट घेराव करने पहुंच गए। कलेक्ट्रेट के गेट पर बैठकर शासन प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की वहीं प्रशासनिक अमले को बतलाया कि वे रात को अपने परिवार, बच्चों को लेकर पानी टंकी में और दूसरे के पक्के घरों के छत पर सो रहे हैं। पुलिस व प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आया लगातार उन्हें समझाया गया इसके बाद लोगों ने प्रशासन को अल्टीमेटम सौंपकर जल्द समस्या को हल करने की बात कहते हुए समस्या हल ना होने पर उग्र आंदोलन करने की बात कही है।
मैनपुर विकासखंड के छिंदौला,जिडार जाडापदर,घिरौला के सैकड़ो लोग लगातार हाथी के उत्पात से परेशान होकर बुधवार को गरियाबंद कलेक्ट्रेट पहुंचे इस से पूर्व रैली निकाल कर शासन प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट के गेट पर घेराव करते हुए धरना पर बैठ गए, उनका कहना है कि 40 हाथी दल के चलते उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है ,वे न तो दिन में खेत जा पा रहे हैं ना रात में घर में रह पा रहे हैं। मुनादी कर जंगल व खेत जाने की मनाही कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में वे जिए तो कैसे जिए ना रोजी मजदूरी कर पा रहे है ना भोजन मिल पा रहा है और तो और हाथी उनके सैकड़ों एकड फसल को बर्बाद कर दिए हैं और उसका मुआवजा भी अब तक नहीं मिल पा रहा है और मुआवजा भी मात्र 9 हजार देने की बात कही जा रही है।
जबकि उन्हें 75 हजार प्रति एकड़ मिलना चाहिए वहीं हाथी द्वारा मानव के मौत पर एक करोड़ का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाना चाहिए, खास बात यह है कि इस आंदोलन में पहुचने के खर्चों के लिए हाथी पीड़ित क्षेत्र के लोगों ने आपस में चंदा कर हर घर से दो-दो लोग आंदोलन में शामिल हुए।