Edited By suman, Updated: 06 Apr, 2019 11:46 AM
लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं का दल बदलने का दौर जारी है। नेता राजनीतिक हालात देखते हुए पार्टी बदल रहे हैं। अब बसपा और समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दोनों दलों के कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बता दें, बीते एक हफ्ते में दर्जनों...
भोपाल: लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं का दल बदलने का दौर जारी है। नेता राजनीतिक हालात देखते हुए पार्टी बदल रहे हैं। अब बसपा और समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दोनों दलों के कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बता दें, बीते एक हफ्ते में दर्जनों नेता कांग्रेस में शामिल हुए है, इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहली मजबूती मिली है।
नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय में ली सदस्यता
दरअसल, शुक्रवार को बसपा औऱ सपा के कई नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस की सदस्यता ली। इनमें कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे स्व. रत्नेश सोलोमन के पुत्र-पुत्री व सपा नेता आदित्य व तान्या और भुवन विक्रम सिंह भी शामिल हैं। पीसीसी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा चुनाव प्रबंधन प्रभारी सुरेश पचौरी ने बसपा और सपा नेताओं को कांग्रेस के चिन्ह का गमछा पहनकर पार्टी में स्वागत किया। जिन्होंने सदस्यता ली उनमें पूर्व विधायक रामलखन सिंह पटेल, पूर्व जनपद अध्यक्ष रामपुर बघेलान बीएल सिंह पटेल, सिद्धनाथ साहू, दुर्गा प्रसाद साहू, शिवचरण कुशवाहा, मनोज पटेल, राकेश साहू शामिल हैं।
इस पार्टी ने भी दिया समर्थन
वहीं रि-पब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (खोब्रागड़े) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील हरीशचंद्र रामटेके ने महाराष्ट्र की तरह मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है कि, मप्र में बालाघाट, छिंदवाड़ा, बैतूल, दमोह, खण्डवा, सिवनी, इंदौर और उज्जैन में पार्टी का प्रभाव है। जिस तरह से वह अन्य राज्यों को समर्थन देती आई है वो एमपी को भी देगी।