Edited By meena, Updated: 14 May, 2025 08:12 PM

मध्य प्रदेश के गुना में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है...
गुना (मिसबाह नूर) : मध्य प्रदेश के गुना में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां हाथों में मेहंदी रचने से पहले डॉक्टर की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। गुना की रहने वाली डॉक्टर आयशा खान ने भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर 12 मई को बेकाबू बस की टक्कर में जान गंवा दी। 14 जून को आयशा की शादी गुना के ही एक होटल से होने जा रही थी। लेकिन इस हादसे ने परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। मंगलवार को डॉ. आयशा शव गुना में ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया है।
गुना के कर्नलगंज क्षेत्र में हैड पोस्ट ऑफिस के सामने रहने वाले मोहम्मद जाहिद खान की पुत्री डॉ. आयशा पिछले कुछ दिनों से भोपाल के जेपी कॉलेज में इंटर्नशिप कर रही थी। 12 मई को आयशा जेपी कॉलेज से मुल्ला कॉलोनी भोपाल स्थित अपने आवास पर लौट रही थी। इसी दौरान एक अनियंत्रित स्कूल बस के ब्रेक फेल हो गए। बस चालक काबू नहीं रख पाया और उसने बाणगंगा चौराहे पर लगे सिग्नल पर खड़े कई लोगों को कुचल दिया। हादसे में डॉ. आयशा खान की मौत हो गई थी। जबकि 6 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनका इलाज भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। इस दर्दनाक घटना के बाद डॉ. आयशा का शव गुना लाया गया, जहां 13 मई को परिवार और रिश्तेदारों की मौजूदगी में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

परिजनों के मुताबिक, घर में आयशा की शादी की तैयारियां चल रही थी। 14 जून को आयशा की शादी गुना के ही होटल नवलोक में होने वाली थी। उनका विवाह भोपाल निवासी इंजीनियर अदनान कुरैशी के साथ तय हुआ था। पूरा परिवार शादी की तैयारियों और खुशियों में डूबा था। इसी दौरान इस हादसे ने कुछ ही पलों में सबकुछ बदल दिया। घर के सदस्यों को समझ नहीं आया कि अचानक हुआ क्या है? गंभीर बात यह है कि इस हादसे को अंजाम देने वाली बस बिना वैध दस्तावेजों के संचालित हो रही थी। भोपाल पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि नवंबर 2024 में बस का फिटनेस एक्सपायर हो चुका था। बस का रजिस्ट्रेशन भी जीवित नहीं था। उसके ब्रेक सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे। खबरों में तो यह भी सामने आ रहा है कि बस का उपयोग घटना के समय किसी निजी काम के लिए किया जा रहा था।
इस मामले में परिवहन विभाग की घोर लापरवाही को देखते हुए भोपाल संभाग आयुक्त संजीव सिंह ने आरटीओ जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रदेशभर में बसों की फिटनेस और दस्तावेज जांचने का अभियान शुरु करने के निर्देश दिए हैं।