छतरपुर जिला अस्पताल में चेकिंग के नाम पर गुंडागर्दी, मारपीट और गरीब लोगों की जेब पर डाका ! बिना रशीद वसूली रकम की होती बंदरबांट

Edited By meena, Updated: 01 Feb, 2025 07:41 PM

hooliganism in the name of checking in chhatarpur district hospital

छतरपुर जिला अस्पताल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां चेकिंग के आतंकियों की तरह सलूक किया जाता है...

छतरपुर : (राजेश चौरसिया) : छतरपुर जिला अस्पताल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां चेकिंग के आतंकियों की तरह सलूक किया जाता है। गुटखा, बीड़ी, तंबाखू चेकिंग के नाम पर ऐसी सख्ती से पेश आते हैं मानों आप पाकिस्तान बॉर्डर पार कर अस्पताल में प्रवेश कर रहे हों। नज़ारा छतरपुर जिला अस्पताल के मेन गेट का है जहां पर एक दर्जन से अधिक (ठेके पर लगे) लोगों द्वारा अस्पताल आने-जाने वाले लोगों, मरीजों, उनके परिजनों से जबरजस्त चेकिंग की जाती है और यह चेकिंग इतनी ख़तरनाक होती है कि आप को लगेगा कि जैसे आप आतंकवादी या बड़े अपराधी हों और जेबों में विस्फोटक डालकर अस्पताल को उड़ाने आये हों और फिर सभी एकसाथ टूट पड़ेंगे।

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इतना कि नहीं सभी लोग सार्वजनिक (कॉलर और बाल) पकड़कर मारपीट करते हैं और पूरे शरीर की बड़ी ही देदर्दी और बेहूदगी से चेकिंग के नाम पर अटैक और मारपीट करते हैं। हालांकि स्वतंत्र भारत और कानून व्यवस्था में इस तरह का कहीं वर्णन नहीं है कि आम आदमी पर आप इस तरह से अटैक करें वह भी विपदा का मारा जो या तो अपना इलाज कराने आता है या फिर अपने परिवार में या किसी करीबी परिचित का और अस्पताल में आकर उससे इस तरह की चेकिंग की जाती है।

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●महिलाओं तक की होती चेकिंग

विस्वस्त सूत्रों की मानें तो यह आरोप भी हैं कि चेकिंग के नाम पर तो यह लोग गांव से आई ग्रामीण, गरीब, महिलाओं की भी चेकिंग करते हैं जो कि सरासर ग़लत है। वहीं आरोप हैं कि यह लोग पूरे अस्पताल में 5-6 लोगों का अलग-अलग गुट बनाकर रसीद कट्टा लेकर वार्ड-वार्ड और पलंग-पलंग घूमते और चेकिंग करते हैं जैसे मानों भर्ती मरीजों उनके परिजनों ने कोई अपराध कर दिया हो।

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●रकम की होती बंदरबांट

जानकारी के मुताबिक रसीद कट्टा लेकर धूम्रपान के नाम पर लोगों से 200 रुपये प्रति व्यक्ति वसूली जाती है। बीच में मौका देखकर रसीद नहीं काटी जाती इस तरह रोजाना 4 से 5 हजार रुपये की अवैध वसूली बिना रसीद के के जाती है जिसकी शाम को अस्पताल में ही बंदरबांट की जाती है। सूत्र बताते हैं कि यह अवैध वसूली की रक़म नीचे से लेकर ऊपर तक जिम्मेदारों के पास तक जाती है जिसका महीने का हिसाब लाखों में होता है और यही कारण है कि इन्हें ऐसा करने की खुली छूट दी गई है।

●वीडियो बोलता सच

इस वाक्या का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिससे साफ होता है कि किस तरह से लोगों से सलूक किया जाता है। हालांकि यह तो महज़ बानगी है नज़ारे तो बहुत कुछ कहते और बयां करते हैं।

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