Edited By meena, Updated: 30 Jul, 2024 04:13 PM
मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं जिसकी वजह से मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राएं अपने को ठगा सा...
भोपाल : मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं जिसकी वजह से मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राएं अपने को ठगा सा महसूस कर रहें हैं, वहीं मंगलवार को एनएसयूआई मेडिकल विंग के समन्वयक रवि परमार के नेतृत्व सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग और डेंटल के स्टूडेंट्स उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के बंगले पहुंचे।
रवि परमार ने बताया कि शासकीय नर्सिंग कॉलेजों से बी.एस.सी. नर्सिंग की उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण चयन परीक्षा एवं प्री नर्सिंग सिलेक्शन प्रवेश परीक्षा -2018 की परीक्षा संचालन एवं प्रवेश नियम पुस्तिका के पेज नंबर - 20 पर अंकित बिंदु क्रमांक - 6 व 6.1 के अनुसार संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित अस्पतालों/संस्थाओं में 5 वर्ष शासकीय सेवा देना अनिवार्य हैं लेकिन छात्राओं को प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) पूर्ण किए लगभग 20 माह हो चुके हैं लेकिन पोस्टिंग नहीं की गई।
परमार ने बताया कि सत्र 2018-19 में प्रवेशित बीडीएस छात्रों को नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र में एक वर्ष की शासकीय सेवा दी जाना था लेकिन अभी तक छात्र छात्राओं की पोस्टिंग नहीं की गई है। वहीं कई छात्र छात्राओं ने बंधपत्र के अनुसार एक वर्ष की नियुक्ति मिलने के भरोसे पढ़ाई के लिए लोन लिया था जिसकी वजह से दंत चिकित्सक छात्र छात्राओं को भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा हैं।
परमार ने मांग कि नर्सिंग और डेंटल के सभी छात्र छात्राओं की जल्द से जल्द पोस्टिंग करवाई जाए। पोस्टिंग न होने की वजह से छात्राओं का एक वर्ष बर्बाद हो चुका है, जिस वजह से छात्राओं को अनेक आर्थिक समस्याओं से गुजारना पड़ रहा है। वहीं प्रदेश में न तो एग्जाम समय पर हो पाते हैं और न ही उन्हें पोस्टिंग दी जाती है। परमार ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि नर्सिंग और डेंटल स्टूडेंट्स को यदि जल्द पोस्टिंग नहीं दी जाती तो उग्र प्रदर्शन को मजबूर होंगे।