Edited By Shivam, Updated: 10 Apr, 2021 08:39 PM
तेजी से फैलते कोरोना वायरस की दूसरी लहर में फिर एक बार ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया जो कि खुद कोविड के मरीजों का इलाज पिछले काफी समय से अपनी जान हथेली पर रखकर कर रहे थे। ऐसा ही एक मामला इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के...
इंदौर (सचिन बहरानी): तेजी से फैलते कोरोना वायरस की दूसरी लहर में फिर एक बार ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया जो कि खुद कोविड के मरीजों का इलाज पिछले काफी समय से अपनी जान हथेली पर रखकर कर रहे थे। ऐसा ही एक मामला इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस डॉक्टर के सामने आया युवा डॉक्टर कोरोना की चपेट में आकर मौत के मुंह में चला गया।
सूत्रों से इस बात की खबर भी मिली है कि डॉक्टर के बीमार होने पर उसको ठीक से इलाज नहीं मिल पाया हालांकि डॉक्टर तो दुनिया से चले गए लेकिन कई सवाल इंदौर के सरकारी अस्पतालों पर छोड़ गए। मृतक दीपक सिंह जोकि इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र थे। कोरोना वायरस ने अपनी जद में लेते हुए उस डॉक्टर को उनकी आखिरी मंजिल तक पहुंचा दिया।
कोरोना वायरस से शनिवार को एमवाय अस्पताल के डॉक्टर दीपक सिंह की मौत हो गई। दीपक एमवाय अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ थे और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोविड मरीजों का उपचार कर रहे थे। दीपक द्वारा अपनी बीमारी की जानकारी बड़े डॉक्टर्स को दी गई और कुछ जांच करने के बाद दीपक को भर्ती किया गया जहां उसे ठीक से इलाज ना मिलने की जानकारी सामने आई हालांकि इलाज ठीक ना मिलने की बात अस्पताल के अधीक्षक या ओर अन्य स्वास्थ से जुड़े अधिकारी कैमरे के सामने कहने से बचते रहे।
मृतक दीपक कोरोना मरीजों के उपचार के दौरान ही वे संक्रमण का शिकार हो गए थे। शनिवार को उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अन्य डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर रोष व्यक्त किया है। आपको बता दें कि इंदौर के रहने वाले डॉक्टर दीपक सिंह एमजीएम मेडिकल कॉलेज की 2010 बैच से एमबीबीएस पॉसआउट थे। उनकी बैच के अन्य डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोरोना वारियर्स की मौत बीमारों की सेवा करते-करते हो गई।