Edited By Vikas kumar, Updated: 18 Dec, 2018 02:37 PM

शिवराज सरकार में वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया ने दो दिन पहले कहा था कि, मध्यप्रदेश पर राष्ट्रीय कृत बैंकों का 34 से 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है। लेकिन अब वे अपने बयान से मुकर गए हैं। उन्हों...
भोपाल: शिवराज सरकार में वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया ने दो दिन पहले कहा था कि, मध्यप्रदेश पर राष्ट्रीय कृत बैंकों का 34 से 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है। लेकिन अब वे अपने बयान से मुकर गए हैं। उन्होंने कहा है कि, बीजेपी सरकार में कभी भी ओवर ड्रॉफ्टिंग नहीं की गई है। राजस्व घाटे की बात कांग्रेस सरकार ही करती है। भाजपा सरकार ने सरकारी खजाने में 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए छोड़े हैं। आपको बता दें कि, जयंत मलैया मुख्यमंत्री कमलनाथ के उस बयान का पलटवार कर रहे थे, जिसमें नाथ ने कहा था कि, बीजेपी यह मान चुकी है कि प्रदेश का खजाना खाली है।

जयंत मलैया ने दो दिन पहले कहा था कि, 'कांग्रेस ने 15 साल पहले हमें जिस हालत में एमपी का खजाना सौंपा था, हमने उन्हें वैसा ही लौटाया है। किसानों की कर्जमाफी की गई तो प्रदेश आर्थिक संकट में फंस जाएगा। इस कदम से प्रदेश के खजाने की स्थिति गंभीर हो जाएगी। वेतन के लाले पड़ जाएंगे। यदि कर्जमाफी होती है तो विकास के सारे काम बंद हो जाएंगे।'

बता दें कि, दो दिन पहले दिए अपने बयान पर मलैया ने पलटी मारते हुए कहा कि, बीजेपी सरकार में मध्य प्रदेश की वित्तीय हालत बिलकुल ठीक है। इस साल सरकार ने 12 हजार 500 करोड़ का लोन लिया है। जहां तक किसानों की कर्जमाफी का सवाल है तो कांग्रेस की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारें राहुल गांधी के डर से किसानों की कर्ज माफ कर रही हैं। राहुल ने कहा था कि, किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ तो 10 दिन के बाद मुख्यमंत्री बदल दूंगा।