Edited By meena, Updated: 16 Dec, 2025 12:15 PM

मैकाल पर्वत श्रृंखला से लगे खैरागढ़ के जंगल जैव विविधता के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। यहां स्थित विभिन्न जलाशयों में हर वर्ष कई प्रजातियों के दुर्लभ और प्रवासी पक्षी देखने को मिलते हैं। इसी कड़ी में एक बार...
खैरागढ (हेमंत पाल) : मैकाल पर्वत श्रृंखला से लगे खैरागढ़ के जंगल जैव विविधता के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। यहां स्थित विभिन्न जलाशयों में हर वर्ष कई प्रजातियों के दुर्लभ और प्रवासी पक्षी देखने को मिलते हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर खैरागढ़ जैव विविधता के नक्शे पर उभरकर सामने आया है।
करीब 5 वर्षों बाद छत्तीसगढ़ में खैरागढ़ के रूसे जलाशय में दुर्लभ स्टेपे गल (Steppe Gull) पक्षी देखा गया है। पक्षी विज्ञानी का कहना है स्टेपे गल एक प्रवासी पक्षी है, जो सामान्यतः समुद्री तटों पर पाया जाता है। बहुत कम अवसरों पर यह भारत के मध्य क्षेत्र जैसे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में दिखाई देता है। इस बार इसका खैरागढ़ में दिखाई देना एक महत्वपूर्ण और दुर्लभ घटना मानी जा रही है। विशेषज्ञों द्वारा पक्षी की पहचान की पुष्टि भी कर दी गई है।

रूसे जलाशय अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए पहले से ही प्रसिद्ध है। यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां हर वर्ष कॉमन क्रेन जैसे दुर्लभ पक्षी आते हैं। इसके अलावा भी कई प्रजातियों के पक्षी यहां देखे जाते हैं, जो इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता को दर्शाते हैं।

स्टेपे गल जैसे दुर्लभ पक्षी की मौजूदगी से यह स्पष्ट होता है कि खैरागढ़ का यह क्षेत्र प्रवासी और संकटग्रस्त पक्षियों के लिए सुरक्षित और पसंदीदा स्थान बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस क्षेत्र को संरक्षण के साथ विकसित किया जाए तो इसे पक्षी पर्यटन (बर्ड टूरिज्म) की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।