Edited By meena, Updated: 08 Apr, 2020 06:56 PM
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर पूरी तरह से कोरोना की चपेट में आ चुकी है लेकिन जहां सबसे पहले कोरोना ने दस्तक दी वह जबलपुर जिला अब कोरोना से लड़कर जंग जीतने की ओर बढ़ चुका है। अब लगने लगा है की ये जिला जल्द कोरोना मुक्त हो...
जबलपुर(विवेक तिवारी): मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर पूरी तरह से कोरोना की चपेट में आ चुकी है लेकिन जहां सबसे पहले कोरोना ने दस्तक दी वह जबलपुर जिला अब कोरोना से लड़कर जंग जीतने की ओर बढ़ चुका है। अब लगने लगा है की ये जिला जल्द कोरोना मुक्त हो जाएगा। लेकिन ये कैसे ये संभव हुआ और कौन है जो कोरोना के कर्मवीर थे जिन्होंने इस महामारी से जंग लड़ी और जनता के साथ मिल कर इसको परास्त कर दिया। यदि बीते 15-20 दिनों पर नजर डाली जाए तो एक ही शख्स सामने आता है और वो हैं जांबाज आईपीएस अफसर अमित सिंह। जिन्होंने अपनी सोशल पुलसिंग के चलते जबलपुर के चहेते पहले ही बन चुके थे और जब कोरोना से जंग लड़ने कि बारी आई तो इसी आईपीएस अफसर ने सब से पहले कोरोना से लड़ने की कमान संभाली। जबलपुर में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी गई इस लड़ाई में सबसे बड़ी भागीदारी अगर कही जाए तो पुलिस विभाग की रही है।
दरअसल जैसे ही पहले मामले को तौर पर 20 मार्च को मुकेश अग्रवाल के परिवार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो एस पी अमित सिंह ने मैदान संभालते हुए सारे पुलिस विभाग को चौकन्ना होने के निर्देश दिए। यदि उस समय की बात की जाए तो जबलपुर के एसपी अमित सिंह बिना किसी आदेश की प्रतीक्षा किये कोतवाली और फुहारा मार्केट पहुंच गए। तत्काल दुकानों को बंद करवाया। इसके बाद मुकेश अग्रवाल के परिवार की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अगली पहल करते हुए किसी देरी के खुद अपनी टीम के साथ मुकेश अग्रवाल के संपर्क में आए तमाम लोगों की लिस्ट निकाल कर सभी को मेडिकल कॉलेज के अलावा सुखसागर अस्पताल में भेज दिया और उसके बाद जबलपुर को पूरी तरह से लॉक डाउन करने का आदेश किया। जबलपुर पुलिस चप्पे-चप्पे पर उतरी, लोगों को पूरी तरह से घरों में रहने की हिदायत दी गई। जबलपुर की सीमाएं लॉक कर दी गई। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह की यही रणनीति काम आई जिसका नतीजा यह रहा कि कोरोना मरीजों की संख्या 8 तक सीमित हो गई है।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जनता कर्फ़्यू का ऐलान किया और फिर देश टोटल लॉक डाउन कर दिया गया। ऐसे में फिर से पुलिस की भूमिका बढ़ गई। तब भी पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने जनता को घरों तक सीमित करने के लिए प्रयोग किया और लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों को 3 रंग के चेतावनी कार्ड जारी किए। पुलिस अपने मिशन में कितनी एक्टिव रही इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगो को समझाने के लिए पुलिस कहीं गाना गाती तो कहीं नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगो को आगाह करती नजर आई। इन सब ये प्रयोग अब सफल भी हो रहे है अब जबलपुर की सड़कें सूनी नजर आती है, और लोग खुद अब घरों से बाहर नहीं निकल रहे। यही वजह है कि अब जबलपुर कोरोना मुक्त जिला होने कि दिशा में आगे बढ़ रहा है 8 में से सभी मरीज ठीक है और आधे मरीज घर पहुंच चुके हैं और जो बचे है जल्द उन्हें भी अस्पताल से घर भेज दिया जायेगा।