Edited By meena, Updated: 14 Jan, 2020 04:56 PM

सीहोर जिले की आजादी के संघर्ष में शहीद हुए 365 अनाम शहीदों की शहादत को हर वर्ष 14 जनवरी को नगरवासियों द्वारा सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यहां 14 जनवरी 1858 को सीहोर में 365 क्रांतिकारियों को कर्नल हिरोज ने बर्बरता पूर्वक गोलियों से छलनी...
सीहोर(शैलेंद्र विश्वकर्मा): सीहोर जिले की आजादी के संघर्ष में शहीद हुए 365 अनाम शहीदों की शहादत को हर वर्ष 14 जनवरी को नगरवासियों द्वारा सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यहां 14 जनवरी 1858 को सीहोर में 365 क्रांतिकारियों को कर्नल हिरोज ने बर्बरता पूर्वक गोलियों से छलनी कर दिया था।

क्योंकि इन देशभक्तों शहीदों ने 6 अगस्त 1857 को अंग्रेजी साम्राज्य ध्वस्त करते हुए तत्कालीन सीहोर कंटोनमेंट में सिपाही बहादुर के नाम से अपनी स्वतंत्र सरकार स्थापित कर ली थी।
इस सामूहिक हत्याकाण्ड के बाद सीहोर कंटोनमेंट एक बार फिर अंग्रजों के अधीन हो गया। इसी की याद मे हर वर्ष 14 जनवरी को सीहोर के नागरिकों ने भूली हुई विरासत की गवाह बनी इस जीर्ण-शीर्ण समाधी पर पुष्पांजली अर्पित करते है।

बताया जा रहा है कि बड़े समय से अब जाकर सरकार इस स्थान को शहीद पार्क बनाने की तैयारी में है। वहीं क्षेत्रीय विधायक का मानना है कि जल्द ही इस स्थल का कायाकल्प किया जायेगा।