Edited By Vikas kumar, Updated: 08 Oct, 2019 11:59 AM
मध्यप्रदेश में महापौर चुनाव को लेकर चल रहा युद्ध फिलहाल थम गया है। प्रदेश में जनता सीधे महापौर नहीं चुन पाएगी। राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब पार्षद...
भोपाल: मध्यप्रदेश में महापौर चुनाव को लेकर चल रहा युद्ध फिलहाल थम गया है। प्रदेश में जनता सीधे महापौर नहीं चुन पाएगी। राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब पार्षद ही महापौर का चुनाव करेंगे। आपको बता दें कि लंबे समय से बीजेपी कमलनाथ सरकार के इस बिल का विरोध कर रही थी। लेकिन राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार के इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। वहीं भोपाल नगर निगम का भी बंटवारा करने का मसौदा कलेक्टर ने जारी कर दिया है। भोपाल नगर निगम को दो भागों में बांटा जा रहा है।
बता दें कि महापौर अध्यादेश को लेकर काफी लंबे समय से बीजेपी और कांग्रेस में शीतयुद्ध जारी था। राज्यपाल लालजी टंडन भी सरकार के इस बिल सें संतुष्ट नहीं थे। लेकिन लंबे वक्त के बाद आखिर कार उन्होंने इस बिल को पास कर ही दिया। अब इस बिल के पास होने के बाद जनता नहीं बल्कि पार्षद मिलकर अपना महापौर चुन सकेंगे।