MCU जातिवादी टिप्पणी करने वाले फैकल्टी दिलीप मंडल की सेवाएं नहीं लेगा

Edited By Jagdev Singh, Updated: 05 Jan, 2020 02:19 PM

mcu not take services dilip mandal faculty who makes racist remarks

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में जातिवादी टिप्पणी करने वाले एडजंक्ट फैकल्टी दिलीप मंडल की सेवाएं अब नहीं ली जाएंगी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दीपेंद्र बघेल ने इसकी पुष्टि की है।...

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में जातिवादी टिप्पणी करने वाले एडजंक्ट फैकल्टी दिलीप मंडल की सेवाएं अब नहीं ली जाएंगी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दीपेंद्र बघेल ने इसकी पुष्टि की है। मंडल को एमसीयू लेक्चर के लिए बुलाता था और हर लेक्चर के हिसाब से भुगतान करता था।

वहीं विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दीपेंद्र बघेल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंडल को लेकर छात्रों ने विरोध दर्ज कराया था। विवि प्रशासन ने इस पर मंडल का पक्ष जानने की कोशिश की गई। उन्हें स्पीड पोस्ट व ईमेल के माध्यम से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब देना जरूरी नहीं समझा। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में उन्हें विवि में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। वहीं इसके बारे में विवि प्रशासन ने विभिन्न तरह के सबूत भी जुटाए हैं, जो मंडल की सेवाएं नहीं लेने के लिए कारगार साबित होंगे। इनका विरोध दर्ज कराने के लिए छात्र-छात्राओं ने पिछले महीने कुलपति कार्यालय के बाहर विरोध दर्ज किया किया था।

मंडल के विवादित ट्वीट का विरोध करने वाले छात्रों के निष्काषन का मामला मध्य प्रदेश विधानसभा में गूंजा था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने निष्कासन पर कहा था- विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ प्रशासन ने आतंकियों जैसा व्यवहार किया। वहीं भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मामले की शिकायत की थी। पत्रकारिता विभाग से सौरभ कुमार, प्रखरादित्य, राघवेंद्र, विवेक, शुभम, अंकित कुमार, आकाश, रजनीश, अनूप, विपिन और विधि को, मीडिया प्रबंधन विभाग से आशुतोष, राहुल, नीतिषा को, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग से अभिलाष, अर्पित, रवि भूषण, अंकित, अर्पित, सुरेंद्र, प्रतीक, रवि को, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग से मोनिका को निष्कासित किया गया था। बाद में सभी का निष्कासन वापस ले लिया गया।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार ने जाति विशेष को लेकर लगातार विवादित ट्वीट किए थे। नाराज छात्रों ने दोनों प्रोफेसर पर जातिवादी होने का आरोप लगाया था और विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया था। छात्रों पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज भी किया गया। इस दौरान छात्रों की पुलिस ने पिटाई भी की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने  विश्वविद्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे थे। इसके आधार पर 23 छात्रों को चिह्नित किया था।

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