Edited By meena, Updated: 24 Mar, 2020 06:17 PM

मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बहुमत हासिल करने के बाद सिैयासत गरमा गई है। हाल ही गिरी कमलनाथ सरकार ने इसका पूरजोर विरोध किया है और इसे असंवैधानिक बताया है। इसे लेकर विपक्ष का कहना है कि सरकार को पहले कोरोना से निपटना...
भोपाल: मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बहुमत हासिल करने के बाद सिैयासत गरमा गई है। हाल ही गिरी कमलनाथ सरकार ने इसका पूरजोर विरोध किया है और इसे असंवैधानिक बताया है। इसे लेकर विपक्ष का कहना है कि सरकार को पहले कोरोना से निपटना चाहिए थे विश्वास मत लाने की इतनी जल्दी क्या थी। कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि बीजेपी सरकार ने विश्वास मत लाने में पहले वैश्विक महामारी से बचाव के लिए कदम उठाने चाहिेए थे। प्रदेश सरकार को ऐसी क्या जल्दी थी जो उन्हें विश्वास मत करवाना पड़ा। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया है कि मैं अपना एक माह का विधायक वेतन संक्रमण से लड़ने के लिए प्रशासन को दे रहा हूं।
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए सीएम शिवराज सिंह कई निशाने साधे। उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा है कि पहले शिवराज सिंह चौहान भोपाल में कर्फ्यू लगवाते हैं और फिर विधानसभा का सत्र बुलाकर जनप्रतिनिधियों को कानून तोड़ने के लिए कहा जाता है। आखिर ऐसी भी क्या जल्दी थी इस महामारी के वक्त में भी भाजपा सरकार को विश्वास मत हासिल करने की जल्दी पड़ी रही।
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि जिस शिवराज को प्रदेश की जनता ने नकार दिया था, आज उसी शिवराज सिंह चौहान को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में षडयंत्र कर वापस से जनता पर थोप दिया गया है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी प्रदेश की 25 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे और इन सभी सीटों पर प्रदेश की जनता भाजपा के छल बल को नकार देगी। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस इन सभी सीटों को जीतकर वापस सत्ता में आएगी।
वही सज्जन वर्मा ने ट्वीट कर लिखा कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए इच्छाशक्ति जनता के सहयोग तथा आर्थिक सहयोग की आवश्यकता होगी, मैं अपना एक माह का विधायक वेतन संक्रमण से लड़ने के लिए प्रशासन को दे रहा हूं।