Edited By meena, Updated: 11 Jul, 2025 12:54 PM

श्रावण माह की शुरुआत हो चुकी है। देश भर में भक्ति और श्रद्धा का वातावरण निर्मित हो गया है...
उज्जैन (विशाल सिंह) : श्रावण माह की शुरुआत हो चुकी है। देश भर में भक्ति और श्रद्धा का वातावरण निर्मित हो गया है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भी श्रावण मास के पहले दिन तड़के सुबह 3 बजे मंदिर के पट खोले गए और भगवान महाकाल की भस्म आरती हुई। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हुई है, जो रात की शयन आरती तक लगातार दर्शन करती रहेगी।
इस बार श्रावण मास 30 दिनों का होगा और इसमें चार सोमवार आएंगे। श्रावण के पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। अनुमान है कि इस पवित्र महीने में 80 लाख से अधिक श्रद्धालु उज्जैन पहुंच सकते हैं।
अमृतकाल में भगवान महाकाल की भस्म आरती की शुरुआत में सबसे पहले वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन और घंटी बजाकर की गई। भगवान से आज्ञा लेने के बाद सभा मंडप के चांदी के पट खोले गए और कर्पूर आरती की गई। नंदी हाल में नंदी जी का विधिवत स्नान, ध्यान और पूजन हुआ। इसके बाद भगवान महाकाल दूध, दही, घी, शहद, शकर और फलों के रस से अभिषेक किया गया।

भगवान महाकाल को रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट, मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला से श्रृंगारित किया गया। साथ ही भांग, चन्दन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भी विशेष भस्म अर्पित की गई। भस्मआरती के बाद मंदिर परिसर बाबा महाकाल के जयकारों से गूंज उठा।