Edited By suman, Updated: 04 Mar, 2019 04:22 PM
मध्यप्रदेश में यातायात पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद भी सड़क हादसों ंमें कमी नहीं आ रही है। प्रदेश में हर दिन 31 लोगों की मौत सड़क हादसों की वजह से हो रही है। पीटीआरआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2018 में हुए सड़क हादसों में 11 हजार से ज्यादा लोगों...
भोपाल: मध्यप्रदेश में यातायात पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद भी सड़क हादसों ंमें कमी नहीं आ रही है। प्रदेश में हर दिन 31 लोगों की मौत सड़क हादसों की वजह से हो रही है। पीटीआरआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2018 में हुए सड़क हादसों में 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। हर साल हादसों से मौत का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में होने वाले सड़क हादसों को लेकर पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर गृह विभाग को भेजी है। रिपोर्ट के अनुसार 2018 में सड़क हादसों में ग्यारह हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
वर्ष - सड़क हादसें में हुई मौतों की संख्या
2014- 8,272
2015 - 9,044
2016 - 8,934
2017- 10,457
2018- 11,456
कुल 48,163
सड़क इंजीनियरिंग दुर्घटनाओं का मुख्य कारण
बता दें राज्य सरकार ने हादसों के कारणों का पता लगाने के लिए ‘सड़क सुरक्षा समिति’ का गठन किया था। एमपी में विशेष रूप से सड़क इंजीनियरिंग दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। तेज रफ्तार से वाहन चलाना, ओवरलोड, शराब पीकर वाहन चलाना, बिना हेलमेट वाहन चलाना समेत ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना भी सड़क हादसों की वजह बनती है। वहीं सड़क हादसों को रोकने के लिए भी प्रदेश में ब्लैक स्पॉट की पहचान की जा रही है। जहां एक वर्ष में पांच मौतें या 12 दुर्घटनाएं होती है।