Edited By meena, Updated: 13 Jul, 2023 03:39 PM
मध्यप्रदेश में इन दिनों पटवारी चयन परीक्षा को लेकर जमकर सियासत चल रही है। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी पटवारी परीक्षा में...
भोपाल: मध्यप्रदेश में इन दिनों पटवारी चयन परीक्षा को लेकर जमकर सियासत चल रही है। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाकर इसे व्यापम घोटाला 3 बता रही है तो वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने कांग्रेस के सभी आरोपों का खंडन करते हुए इसे भ्रामक और तथ्यहीन बताया है। एक दिन पहले कांग्रेस नेता अरूण यादव ने पटवारी चयन परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कई सवाल खड़े किए थे जिनका जवाब देते हुए प्रदेश गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सभी आरोपों का खंडन किया है।
गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के सवालों का खंडन करते हुए कहा कि कमलनाथ, दिग्विजय और अरूण यादव सवाल इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस के अशोक नगर का कांग्रेस प्रवक्ता परीक्षा में फेल हो गया इसलिए तथ्यहीन को तर्क बनाकर पटवारी चयन परीक्षा में सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
पर्ची पर नौकरी देने वाली कांग्रेस सीरीज में बोल रही झूठ
गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अपने शासनकाल में पर्ची पर नौकरी देने वाली कांग्रेस पार्टी आज विश्व की आधुनिकतम चयन परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं और सीरीज में झूठ बोल रही हैं। कांग्रेस युवाओं का हौसला तोड़ रही है।
झूठ की सीरीज चला रही है कांग्रेस
गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा ने कहा कि कांग्रेस का झूठ नंबर एक यह कि एक ही सेंटर से सभी 7 टॉपर्स पास हुए हैं। लेकिन सच यह है कि इन टॉपर्स ने अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा दी है। किसी ने भी एक साथ एक ही शिफ्ट में परीक्षा नहीं दी। एक-एक सवाल और एक-एक जवाब का क्लिक रिकॉर्ड में होती है जिसका रिकॉर्ड हमारे पास उपलब्ध है लेकिन कांग्रेस लिखित में क्यों नहीं मांग रही। लिखित में मांगेगी तो उनका झूठ सामने आ जाएगा। कांग्रेस द्वारा परीक्षार्थियों के हिंदी में सवाल उठाने के आरोप पर गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा यह कितना शर्मनाक है कि इस देश में हिंदी में हस्ताक्षर करने पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। मध्यप्रदेश में मेडीकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होने लगी है। अगर यहां हिंदी में हस्ताक्षर नहीं होंगे तो क्या इटालियन में होंगे ?
अंग्रेजी में 25 में से 25 नंबरों का आरोप गलत
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिंदी में हस्ताक्षर करने वालों के 25 में से 25 नंबर आए हैं। इस आरोप को झूठ बताते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने मार्कशीट देखे बिना ही आरोप लगाया है। किसी के भी 25 में से 25 नंबर अंग्रेजी में नहीं आए हैं।
परीक्षा कराने वाली कंपनी के ब्लैक लिस्टेड होने की बात गलत
कांग्रेस ने परीक्षा कराने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड बताया जिसके जवाब में गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि परीक्षा में कोई गड़बड़ नहीं हुई कांग्रेस मध्यप्रदेश को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। देश की सबसे प्रतिष्ठित कंपनी ने परीक्षा कराई है जिसने आईआईटी और नीट का एग्जाम कराया है।
एक ही सेंटर से 1 हजार पास होने की बात झूठी
गृहमंत्री ने कांग्रेस के इस आरोप का जवाब देते हुए कि एक ही सेंटर से 1 हजार लोग पास होने की बात एक दम गलत है। ग्वालियर के सेंटर से 114 लोग पास हुए हैं। प्रदेश के 31 सेंटर और ऐसे हैं जहां इससे ज्यादा लोग पास हुए हैं। लेकिन कांग्रेस सिर्फ ग्वालियर पर उठा रही है जबकि वहां से सिर्फ 5 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए हैं। जबकि भोपाल में 42 प्रतिशत पास हुए हैं। ग्वालियर के नौजवानों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। पता नहीं ग्वालियर से कांग्रेस को क्या दुश्मनी है।
कमलनाथ ने अपने कार्यकाल में एक भी नौकरी नहीं दी
गृहमंत्री ने कहा कि कमलनाथ ने अपने कार्यकाल में एक भी नौकरी नहीं दी। कांग्रेस को इस बात पर पत्रकार वार्ता करनी चाहिए कि उनके कार्यकाल में कितनी नौकरी दी गईं। कांग्रेस को तकलीफ इस बात से है कि सीएम शिवराज ने एक लाख नौकरी दे रहें हैं और आप एक नहीं दे पाए।
कांग्रेस अपनी सरकार में ढोर चराने की नौकरी दे रही थी
गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि नौजवान कांग्रेस की इस पीड़ा को देख रहा है। वो एक -एक चीज का हिसाब करेगा। रोजगार के नाम पर कमलनाथ ने लिखित में दिया था कि नौजवान ढोर चराएं, बैंड बजाएं यह कांग्रेस सरकार का रोजगार देना था। नौजवानों के बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही लेकिन किसी युवा को भत्ता नहीं दिया।
कांग्रेस के हर सवाल का ये है सही जवाब
सवाल- 10 में से 7 टॉपर एक ही परीक्षा केंन्द्र से कैसे आ गए?|
जवाब- जिन्होंने टॉप किया है उन्होंने एक ही शिफ्ट में परीक्षा नहीं दी..सभी ने अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा दी है, अलग-अलग दिन परीक्षा दी है।
सवाल-टॉप-20 में ग्वालियर के ही छात्र ही ज्यादा क्यों हैं?
जवाब- ग्वालियर में इस परीक्षा में सिर्फ 5% लोग पास हुए है, भोपाल में कुल 42% लोग पास हुए हैं। कम-ज्यादा का सवाल ही बेतुका है।
सवाल- टॉपर्स ने हिंदी में दस्तखत क्यों किये?
जवाब- हिंदी में दस्तखत करने से ये कैसे तय होता है कि वह बिना योग्यता के पास हो गये हैं..हिंदी में दस्तखत करना गुनाह है क्या?
सवाल- हिंदी में दस्तखत करने वालों के 25 में से 25 अंक आए
जवाब-एक भी छात्र के 25 में से 25 अंक नहीं आए।
सवाल- जिस कंपनी से परीक्षा कराई वो ब्लैक लिस्टेट है
जवाब-कांग्रेस जिस कंपनी को ब्लैकलिस्टेट बता रही है.. वह देश की सबसे प्रतिष्ठित एजेंसी है, जिसने आईआईटी और नीट जैसी प्रवेश परीक्षा करवाई है।