Edited By Vikas kumar, Updated: 05 Sep, 2019 06:59 PM
मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है। एक ओर जहां ग्रामीण इलाको में शिक्षको की कमी होती है तो वहीं अन्य स्टाफ की भी कोई व्यवस्था नहीं रहती। ऐसे में स्कूलों में साफ-सफाई का ध्यान रख पाना मुश्किल होता है..
जबलपुर: मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है। एक ओर जहां ग्रामीण इलाको में शिक्षको की कमी होती है तो वहीं अन्य स्टाफ की भी कोई व्यवस्था नहीं रहती। ऐसे में स्कूलों में साफ-सफाई का ध्यान रख पाना मुश्किल होता है। स्कूल में स्वच्छता बनी रहे और छात्र-छात्राएं और ग्रामीण स्वच्छता को लेकर आगे आएं इस सब का ध्यान को ध्यान में रखते हुए शहपुरा के सहजपुर हाईस्कूल की प्राचार्य लक्ष्मी पोर्ते स्कूल आते ही सबसे पहले टॉयलेट साफ करती है।
दरअसल, स्कूलों में फैली गंदगी की वजह से ही छात्राओं में न जाने कितनी बिमारियां फैलती है। सफाई के तहत हाईस्कूल की प्राचार्य स्वय झाडू लगाती है। वहीं छात्र भी प्राचार्य के हाथों में झाडू देखकर उनका हाथ बंटाते हैं। स्कूल का अन्य स्टाफ भी उनके इस कार्य में सहयोगी बनता है।प्राचार्य का कहना है कि उनका पद हेडमास्टर का है परंतु एक शाला-एक परिसर होने के बाद उन्हें प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी सौंपी दी गई।
हार नहीं मानी और दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ीं
प्राचार्य लक्ष्मी पोर्ते का काम स्वच्छता तक सीमित नहीं है। उनका मिशन स्कूल को आदर्श बनाना है। प्राचार्य का कहना है कि करीब सात साल पहले जब उनकी ज्वाइन इस स्कूल में हुई थी तब यहां के हालात ठीक नहीं थे। आपसी खींचतान और राजनीति का शिकार होना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दृढ़ता का संकल्प लेकर वह आगे बढ़ीं और स्कूल को साफ-स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया।
प्राइवेट स्कूल के 40 विद्यार्थियों ने इस स्कूल में लिया दाखिला
प्राचार्य लक्ष्मी पोर्ते ने आगे कहा है कि स्कूल के निरंतर विकास और शैक्षणिक गतिविधियों से प्रभावित होकर क्षेत्र के 40 विद्यार्थियों ने इस साल प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर इस स्कूल में दाखिला लिया। पहले इस स्कूल में साल 2012 में सिर्फ 195 विद्यार्थी आज इनकी संख्या 577 पहुंच गई है। प्राचार्य के प्रयासों को देखते हुए कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।