मध्यप्रदेश में पूर्व मंत्रियों के सरकारी बंगले खाली करवाने को लेकर राजनीति गरमाई

Edited By PTI News Agency, Updated: 21 May, 2020 12:17 AM

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भोपाल, 20 मई (भाषा) मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत पूर्व सरकार के 24 मंत्रियों को सरकारी बंगले खाली कराने को दिये गये नोटिस को लेकर राजनीति गरमा गई है।

भोपाल, 20 मई (भाषा) मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत पूर्व सरकार के 24 मंत्रियों को सरकारी बंगले खाली कराने को दिये गये नोटिस को लेकर राजनीति गरमा गई है।
कांग्रेस का आरोप है कि कोरोना वायरस की महामारी में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार का यह कदम बेहद शर्मनाक है, जबकि भाजपा ने इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है।
मध्यप्रदेश गृह विभाग ने 24 पूर्व मंत्रियों को 13 मई को आदेश जारी कर उनके आवास आवंटन को निरस्त कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी पूर्व मंत्रियों ने सरकारी बंगले खाली नहीं किये।
इसके बाद संपदा संचालनालय मध्यप्रदेश ने बुधवार को कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के भोपाल स्थित सरकारी बंगले को सील कर दिया।
इस पर मध्य प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने ट्वीट किया, ''यह मध्यप्रदेश सरकार की दिल दहलानेवाली कार्रवाई है। कोरोना वायरस की महामारी के बीच कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने के नोटिस दिये गये हैं। कोविड—19 के हॉट स्पॉट भोपाल में पूर्व मंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने को कहा जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा व्यक्तिगत रूप से यह काम करवा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय ने कोविड—19 के समय ऐसे अवपीड़क कार्यों को करने से मना किया है।'' वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक अभय दुबे ने राज्य सरकार के इस कदम को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा, ''कोविड;19 की इस महामारी में लगता है कि भाजपा की मत भी मारी गई है। मध्यप्रदेश भाजपा सरकार मजदूरों से लेकर पूर्व मंत्रियों तक के घरों को रौंद रही है या सील कर रही है। भाजपा की हथियाई हुई सत्ता की ये करतूत उनकी हताशा का परिचायक है।'' उन्होंने कहा, ''याद कीजिए कमलनाथ सरकार को, उनके कार्यकाल में कभी पूर्वाग्रह से प्रतिशोध की कार्यवाही नहीं की गई। आज पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के भोपाल स्थित घर को अवैधानिक तरीके से सील किया गया और वो भी निषिद्ध क्षेत्र में।'' दुबे ने कहा कि इसी प्रकार हाल ही में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने रीवा में सैकड़ों गरीब मजदूरों की झोपड़ियाँ इस महामारी के समय में उखाड़ कर फेंक दी थी और आज वे बेसहारा दरबदर की ठोकरें खा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''सत्ता के नशे में मदमस्त होकर जितना अन्याय मध्यप्रदेश के साथ कर सकते हैं, कर लीजिए। मध्यप्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी और फिर कमलनाथ जी का न्याय देखियेगा।'' वहीं, मध्यप्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया है।
मध्यप्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, ''जो नियम है उसी की तरह इन पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है। भाजपा ने बदले की भावना से राजनीति करती है और न करेगी। कांग्रेस हर चीज में ओछी राजनीति करती है।''

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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