मप्र के सरकारी स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे हिंदू धार्मिक ग्रंथ, इनका अपमान सहन नहीं किया जाएगा : मुख्यमंत्री

Edited By PTI News Agency, Updated: 23 Jan, 2023 09:45 PM

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भोपाल, 23 जनवरी (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को हिंदू धार्मिक ग्रंथ पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने इन पूजनीय ग्रंथों का अपमान करने की कोशिश करने वालों को चेतावनी देते हुए...

भोपाल, 23 जनवरी (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को हिंदू धार्मिक ग्रंथ पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने इन पूजनीय ग्रंथों का अपमान करने की कोशिश करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि एसे कृत्यों को सहन नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा रामायण पर आधारित हिंदू धार्मिक पुस्तक रामचरितमानस पर दिए गए विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में भाजपा के वरिष्ठ नेता की चेतावनी आई है।

चौहान ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन हिन्दू महाकाव्य अमूल्य पवित्र ग्रंथ हैं और वे मनुष्य के नैतिक चरित्र के निर्माण में मदद करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद, श्रीभगवद गीता हो, सभी हमारे अमूल्य ग्रंथ हैं। इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक और पूर्ण बनाने की पूरी क्षमता है। इसलिए हमारे धर्म ग्रंथों की शिक्षा भी हम शासकीय विद्यालयों में देंगे। गीता का सार, रामायण, रामचरितमानस तथा महाभारत के प्रसंग भी पढ़ाएंगे। क्यों नहीं पढ़ाना चाहिए भगवान राम को।’’
मुख्यमंत्री ने रामचरितमानस जैसे महाकाव्य लिखने के लिए 16 वीं शताब्दी के भक्ति कवि तुलसीदास की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘रामायण ग्रंथ देने वाले तुलसीदास जी को मैं प्रणाम करता हूं। ऐसे लोग जो हमारे इन महापुरुषों का अपमान करते हैं वह सहन नहीं किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में हमारे इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को नैतिक भी बनाएंगे, पूर्ण भी बनाएंगे।’’
कार्यक्रम ‘‘सुघोष दर्शन’’ का आयोजन विद्या भारती द्वारा किया गया था जोकि देश में स्कूलों का विशाल नेटवर्क संचालित करती है।

उत्तर प्रदेश के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया था और कहा था कि इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

इस महीने की शुरूआत में बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर एक विवाद में आ गए थे जब उन्होंने आरोप लगाया था कि हिंदू महाकाव्य के कुछ छंद सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।


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