राम हमारे रोम रोम में बसे है: CM शिवराज, विद्या भारती के सुभाष दर्शन कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चों ने दी आकर्षक प्रस्तुति

Edited By meena, Updated: 23 Jan, 2023 04:24 PM

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राजधानी भोपाल के ओल्ड कैंपियन ग्राउंड में विद्या भारती की तरफ से आयोजित किए गए सुभाष दर्शन कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में स्कूली पहुंचे। बच्चे पहुंचे और उन्होंने अपनी खास प्रस्तुति भी दी

भोपाल(विवान तिवारी): राजधानी भोपाल के ओल्ड कैंपियन ग्राउंड में विद्या भारती की तरफ से आयोजित किए गए सुभाष दर्शन कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में स्कूली पहुंचे। बच्चे पहुंचे और उन्होंने अपनी खास प्रस्तुति भी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज सुघोष के साथ ही जो अद्भुत रचनाएं बच्चों ने बनाईं, उससे मन आनंद और प्रसन्नता से भर गया। मैं सभी भैया-बहनों को बधाई देता हूं। भारत को आजादी अंग्रेजों ने चांदी की तश्तरी में रखकर भेंट नहीं की थी, इसके लिए असंख्य क्रांतिवीरों ने अपनी शहादत दी।

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• आजादी का श्रेय केवल एक खानदान को दिया गया: शिवराज

मुख्यमंत्री चौहान ने संबोधन के दौरान यह कहा कि आज मन में तकलीफ होती है, आजादी के बाद लंबे कालखंड तक ऐसे शहीदों का स्मरण नहीं किया गया। मैं विद्याभारती को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने आज ये कार्यक्रम आयोजित किया। वही उन्होंने यह भी कहा कि आजादी का श्रेय केवल एक खानदान को दिया गया, जबकि इस लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस, दुर्गा भाभी, सरदार पटेल सहित कई लोगों ने अपना योगदान दिया।

मैं नेताजी के चरणों में बारंबार प्रणाम करता हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने ऐसे क्रांतिवीरों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। आज सुघोष दर्शन के माध्यम से नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है।

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• शिक्षा के तीन उद्देश्य: सीएम

सीएम शिवराज ने शिक्षा को लेकर बड़ी बात कहते हुए ये कहा कि शिक्षा के तीन उद्देश्य होते हैं- ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिकता के संस्कार देना। विद्या भारती प्रारंभ से ही इन तीनों उद्देश्यों को पूरा कर रही है। भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है। ये वो देश है, जहां तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालयों में दुनियाभर से लोग ज्ञान प्राप्त करने आते थे।

इसी परंपरा को विद्या भारती आगे बढ़ा रही है। उन्होंने यह कहा कि हम व्यवहारिक और बेहतर शिक्षा देने के लिए काम कर रहे हैं। आजादी के बाद अंग्रेज तो चले गए, लेकिन हम पर अंग्रेजी लाद दी गई। स्कूलों में कहा जाने लगा कि अंग्रेजी पढ़ाओं, नहीं तो कुछ नहीं हो सकता है।

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• अंग्रेजी जानने वाले विद्वान हो यह जरूरी नहीं: सीएम शिवराज

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मातृभाषा पर बात करते हुए यह कहा कि अंग्रेजी जानने वाले विद्वान हों, यह जरूरी नहीं है। मेरे मन में अफसोस होता है, जब मैं देखता हूं कि जगह-जगह अंग्रेजी बोलना गर्व का विषय माना जाता है। अब नई शिक्षा नीति में यह तय किया गया है कि मातृभाषा में शिक्षा दी जाएगी।

हमने मध्यप्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में करने की व्यवस्था की है। उन्होंने यह कहा कि शिक्षा वो है, जो मनुष्य को मनुष्य बना दें। नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिक शिक्षा जरूरी है। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि नैतिक शिक्षा जरूरी है। यह नैतिक शिक्षा विद्या भारती देती है।

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• जब सुख तो राम और दुख तो राम: शिवराज

सीएम शिवराज ने भगवान राम को लेकर कि यह कहा कि राम के बिना यह देश जाना नहीं जाता है। राम हमारे रोम-रोम में बसे हैं। इस देश में जब सुख होता है, तो राम का नाम लिया जाता है और दुख होता है तो भी राम का नाम लिया जाता है। जब अंतिम संस्कार में जाते हैं, तब भी यही कहते हैं कि राम नाम सत्य है। हमारे इन धर्म ग्रंथों की शिक्षा भी हम शासकीय विद्यालयों में देंगे।

गीता का सार, रामायण, महाभारत के प्रसंग पढ़ाएंगे। उन्होंने यह कहा कि ऐसे लोग, जो महापुरुषों का अपमान करते हैं,  उनको सहन नहीं किया जाएगा। मध्यप्रदेश में इन ग्रंथों की शिक्षा देकर हम नैतिक शिक्षा बच्चों को देंगे। इस काम में विद्या भारती ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं।

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