Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 08 Feb, 2019 11:23 AM
संभाग का सबसे बड़ा कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल अपनी घटिया कार्यशैली के चलते सुर्खियों में हैं। जहां उपचार के लिए भर्ती विक्षिप्त महिला को थाली या प्लेट की जगह पर गंदी पन्नी में नाश्ता दिया जा रहा। इतना ही नही उसके उपचार में चिकित्सालय के चिकित्सक...
शहडोल: संभाग का सबसे बड़ा कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल अपनी घटिया कार्यशैली के चलते सुर्खियों में हैं। जहां उपचार के लिए भर्ती विक्षिप्त महिला को थाली या प्लेट की जगह पर गंदी पन्नी में नाश्ता दिया जा रहा । इतना ही नही उसके उपचार में चिकित्सालय के चिकित्सक व स्टाफ कोई दिलचस्पी नही दिखा रहे । हालात ये है के उसके जख्म भरने की बजाय और गहरे होते जा रहे हैं। लगातर उसके घाव से रक्त बाह रहा है । वहीं अस्पताल प्रबंधन असंवेदनशील नजर आ रहा है।
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ से शहडोल जिला अस्पताल अपने पति सास ससुर के साथ प्रसव कराने एक महिला आई थी। जहां महिला ने जब बच्ची को जन्म दिया तभी इसके पति सास ससुर इसे छोड़ कर चले गए। महिला अपने बच्ची को लेकर शहडोल के गलियों में मांग कर अपना और बेटी का पेट पाल रही थी। तभी अचानक कब उसकी बेटी की मौत ही गई उसे भी पता नहीं चला। अपने परिवार व जिगर के टुकड़े के बिछड़ जाने के बाद वह परेशान रहने लगी और धीरे- धीरे उसका अपना मानसिक संतुलन खो बैठी।
उसके बाद उसकी स्थिति को देखते हुए सीजीएम के निर्देशन पर उपचार के लिए कोतवाली पुलिस ने कुशा भाई अस्पताल भर्ती कराया। लेकिन अस्पताल में उसके साथ हो रहा इस तरह का व्यवहार बेहद शर्मसार है। वहीं इस संबंध में जब वरिष्ठ अधिवक्ता से पूछा गया तो उन्होंने नियम का हवाला देते हुए कहा कि यह गलत है। मरीज के साथ ऐसा व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।