गांधी जयंती पर सेंट्रल जेल से रिहा हुए छह बंदी, पिछले साल से शुरू कैदियों को रिहा करने की परंपरा

Edited By meena, Updated: 02 Oct, 2024 03:45 PM

six prisoners were released from central jail on gandhi jayanti

पिछले साल से 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर अलग-अलग जेलों में बंद सजा याफ्ता बंदियों को जेल से रिहा करने की परंपरा शुरू हुई थी...

इंदौर (सचिन बहरानी) : पिछले साल से 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर अलग-अलग जेलों में बंद सजा याफ्ता बंदियों को जेल से रिहा करने की परंपरा शुरू हुई थी। जिसका निर्वहन करते हुए आज भी इंदौर की सेंट्रल जेल से उम्र कैद की सजा काट रहे 6 बंदियों को रिहा किया गया। जिसमें कुछ बंदी ऐसे थे जो अपने सजा पूरी कर चुके हैं और कुछ बंदी ऐसे थे जिन्हें शासन की तरफ से बची हुई सजा की माफी मिल चुकी है।

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वही जेल सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर के द्वारा मीडिया से की गई चर्चा में उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी कहते थे कि अपराध से घृणा करो अपराधी से नहीं वाक्य था और इन्हीं शब्दों को चरितार्थ करते हुए पिछले साल से जेल में बंद बंदियों को छोड़ने की परंपरा शुरू हुई है। जिसका निर्वहन करते हुए आज भी गांधी जयंती के मौके पर उम्र कैद की सजा काट रहे 6 बंदियों की रिहाई की गई है।

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