Edited By Himansh sharma, Updated: 01 Aug, 2025 11:35 AM

बता दें कि सोडा गांव पार्वती नदी की दो धाराओं के बीच एक टापू पर स्थित है और जब नदी में जलस्तर बढ़ता है
गुना। (मिसबाह नूर): मध्य प्रदेश के गुना में बमोरी तहसील के पाटी पंचायत स्थित सोडा गांव में पार्वती नदी की दो धाराओं के बीच फंसे 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ, और एसडीईआरएफ की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। यह गांव पार्वती नदी के तेज बहाव के कारण हर साल बाढ़ की चपेट में आ जाता है, जिससे यहां के निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि सोडा गांव पार्वती नदी की दो धाराओं के बीच एक टापू पर स्थित है और जब नदी में जलस्तर बढ़ता है, तो यह पूरी तरह से घिर जाता है। इस बार भी ऐसे ही हालात बन गए हैं, जिसके बाद गुरुवार दोपहर 2 बजे तक सेना की टीम पार्वती नदी में उतरी और ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने की मशक्कत शुरु की गई। हालांकि पार्वती नदी में अत्यधिक पानी होने के कारण पाटी गांव तक भी पानी पहुंच गया है। प्रशासन की ओर से तहसीलदार देवदत्त गोलिया, नायब तहसीलदार जयप्रकाश गौतम और मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुष्पेंद्र व्यास सहित जनपद के कर्मचारी बचाव दल के साथ मौके पर मौजूद रहे और बचाव कार्यों में सहायता की गई।
यह तीसरी बार है जब सोडा गांव के लोगों को बाढ़ से बचाया जा रहा है। वर्ष 2022-23 की बारिश में भी इस गांव के लोगों को सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से रेस्क्यू कर राजस्थान में एक कैंप में रखा गया था। इसी तरह, वर्ष 2023-24 में भी बाढ़ आने पर ग्रामीणों को सोडा से रेस्क्यू कर फतेहगढ़ में बनाए गए कैंप में स्थानांतरित किया गया था। ध्यान देने वाली बात यह है कि तत्कालीन कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने ग्रामीणों को हर साल की इस समस्या से बचने के लिए गांव छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान पर बसने की सलाह दी थी। हालांकि, ग्रामीणों ने प्रशासन की बात नहीं मानी और फिर से इसी टापू पर बस गए, जिसके परिणामस्वरूप वे एक बार फिर बाढ़ में फंस गए हैं।