Edited By meena, Updated: 28 Nov, 2019 11:50 AM
मध्यप्रदेश सरकार में सुधार लाने व अयोग्य शिक्षकों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार उन स्कूलों के शिक्षकों, जिन्होंने लगातार तीन साल तक सबसे खराब प्रदर्शन किया है और शिक्षक योग्यता परिक्षा में दो बार फेल हुए हैं...
भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा में सुधार लाने व अयोग्य शिक्षकों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार उन स्कूलों के शिक्षकों, जिन्होंने लगातार तीन साल तक सबसे खराब प्रदर्शन किया है और शिक्षक योग्यता परिक्षा में दो बार फेल हुए हैं। उन्हें अनिवार्य सेवानिवृति दे दी जाएगी। शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बुधवार को बताया कि इसे लेकर नोटिस भेजा जाएगा और ऐसे शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। शिक्षा मंत्री के अनुसार, यह कदम शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के मद्देनजर उठाया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य के कई सरकारी स्कूलों में छात्रों का पिछले तीन साल से लगातार बहुत ही खराब प्रदर्शन रहा है। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने जिन सरकारी स्कूलों में छात्रों ने परीक्षाओं में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया, उन स्कूलों के संबंधित शिक्षकों के लिए एक ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया था और उसके बाद हाल ही में उनकी योग्यता परीक्षाएं ली गई थीं। लेकिन कई शिक्षक इसमें पास नहीं हो पाए। इसके बाद असफल शिक्षकों को दोबारा ट्रेनिंग देकर परिक्षा ली गई। हालांकि इसमें भी कुछ शिक्षक असफल रहे।
पांचवीं और आठवीं में होगी बोर्ड परीक्षा
वहीं अब पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को बोर्ड की परीक्षा देनी होगी। प्रभुराम चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने इस साल से राज्य के बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 5 और कक्षा 8 के लिए बोर्ड परीक्षा फिर से शुरू कर दी है। विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने योग्य बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया गया है।