Edited By suman, Updated: 16 Jan, 2019 10:32 AM
प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, शिक्षा सुधार के ढोल पीेटे जाते हैं, किन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। एनुअल स्टेटस ऑफ सर्वे रिपोर्ट 2018 (ASER) की वार्षिक रिपोर्ट में जो खुलासा हु
भोपाल: प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, शिक्षा सुधार के ढोल पीेटे जाते हैं, किन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। 2018 की एनुअल स्टेटस ऑफ सर्वे रिपोर्ट (ASER) में जो खुलासा हुआ हो , वो बेहद चौंकाने वाला है। इस रिपोर्ट ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
दरअसल, देश में प्राथमिक शिक्षा की दशा और दिशा का जायजा लेने वाली प्रतिष्ठित वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को मंगलवार को जारी कर दिया गया। इसमें मध्यप्रदेश की शिक्षा के बारे में जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 8 प्रतिशत घटी है। शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 2 के 46 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें पाठ भी पढ़ना नहीं आता। वहीं, 5.5 प्रतिशत प्राथमिक शालाओं व 9.6 प्रतिशत उच्च प्राथमिक शालाओं में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक नहीं है। प्रदेश के 53.5 प्रतिशत प्राथमिक व 62.2 प्रतिशत उच्च प्राथमिक स्कूलों में खेल सामग्री तक नहीं बांटी गई है। ये रिपोर्ट 15 साल तक सत्ता में रही शिवराज सरकार की पोल खोलती है। बहरहाल, सत्ता परिवर्तन हो गया है, लेकिन अब देखना यह होगा कि सरकार बदलने के साथ शिक्षा के हालात भी बदलेंगे या जस से तस बने रहेंगे।