Edited By meena, Updated: 05 Jun, 2021 07:37 PM
आपने आज तक कई पर्यावरण चिंतक और उसके लिए काम करन वाले लोगों को देखा होगा...लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलाने जा रहे जिसने अपना पूरा जीवन है पर्यावरण को समर्पित कर दिया। इनसे मिलिए ये हैं। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रहने वाले वीरेंद्र सिंह एक...
कांकेर: आपने आज तक कई पर्यावरण चिंतक और उसके लिए काम करन वाले लोगों को देखा होगा...लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलाने जा रहे जिसने अपना पूरा जीवन है पर्यावरण को समर्पित कर दिया। इनसे मिलिए ये हैं। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रहने वाले वीरेंद्र सिंह एक सामान्य शिक्षक के तौर पर अपनी जीविका चलाने वाले वीरेंद्र सिंह के कारनामे जानकर एक बार के लिए आप भी दंग रह जाएंगे।
दरअसल, 46 साल के वीरेंद्र अब तक अलग अलग लोगों को संस्थाओं के सहयोग से लगभग 30 हजार से अधिक पौधे रोप चुके हैं। यहीं नहीं बल्कि खुद के प्रयासों से उन्होंने तीन दर्जन तालाबों को भी साफ करके उनका जीर्णोद्धार किया है। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने का जिम्मा उठाए वीरेंद्र जंगल काटने की कई परियोजना को रद्द करवाकर हजारों लाखों पेड़ की जिंदगी तक बचा चुके हैं। इसे देखते हुए लोग प्यार से उन्हें ग्रीन कमांडो बुलाने लगे।
पर्यावरण बचाने की उनकी इस लगन के चलते ही केंद्र सरकार ने साल 2020 में उन्हें वाटर हीरो के सम्मान से नवाजा है।अब वीरेंद्र ने एक बंजर जमीन को जंगल बनाने का संकल्प लिया है और स्थानीय लोगों की मदद से वहां पर पौधारोपण का काम करना शुरू कर दिया। संबंधित क्षेत्र में भी वह लगभग 5 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं, और अभी भी उनके प्रयास जारी है। लंबे समय से वीरेंद्र अपने वेतन का एक हिस्सा पेड़ों के रखरखाव और पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च करते आ रहे हैं। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए वह देशभर में साइकिल यात्रा भी निकाल चुके हैं। ऐसे ग्रीन कमांडो को पंजाब केसरी सलाम करता है।