कोरोना और लाॅकडाउन के बीच भोपाल में जल संकट 12 % बोर सूखे, रोजाना 70 शिकायतें

Edited By Jagdev Singh, Updated: 11 May, 2020 05:24 PM

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एक तरफ जहां पूरे देश साथ प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए लॉकडाउन वजह लोगों भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच इन गर्मियों गहराते जल संकट ने लोगों की परेशामियों को और बढ़ा दिया है। जल संकट के गहराने से लोग पानी भरने घरों से...

भोपाल: एक तरफ जहां पूरे देश साथ प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए लॉकडाउन वजह लोगों भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच इन गर्मियों गहराते जल संकट ने लोगों की परेशामियों को और बढ़ा दिया है। जल संकट के गहराने से लोग पानी भरने घरों से बाहर निकल रहे हैं। भोपाल में बीते दो सालों से जल संकट गहराता जा रहा है। कोरोना काल के बीच भोपाल के कुछ इलाकों में जल संकट में पानी की व्यवस्था के लिए बाहर निकलना संक्रमण यानी मुसीबत को न्योता देना है।

लॉकडाउन के बीच राजधानी भोपाल के कुछ इलाकों में हो रहा जल संकट लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर रहा है। पानी के इंतजाम के लिए शाहपुरा, अयोध्या नगर, राजीव नगर, बरखेड़ा पठानी गोविंदपुरा और खजूरी कला,कोलार जैसे क्षेत्रों में जल संकट बना हुआ है। पानी का इंतजाम करने के लिए बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं।

नगर निगम ने जल संकट के बीच कॉल सेंटर की शुरुआत भी की है। नगर निगम के कॉल सेंटर पर लोग पानी सप्लाई, पानी की किल्लत जैसी समस्याओं को लेकर फोन कर सकते हैं। भोपाल में जिस तरह से जल संकट बढ़ रहा है। उसी तरह से नगर निगम के कॉल सेंटर पर भी शिकायतें बढ़ रही है। नगर निगम के कॉल सेंटर पर रोजाना 70 से ज्यादा शिकायतें पहुंच रही है। शिकायतें नगर निगम के इंजीनियर और दूसरे अधिकारियों तक पहुंचाई जा रही है, लेकिन भोपाल जिले के कुछ इलाकों में अभी भी जल संकट जस का तस है।

भोपाल जिले में बीते 2 सालों से पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 2 सालों से कम बारिश के चलते भोपाल जिले को जल अभावग्रस्त घोषित किया गया है। साल 2019 में भोपाल जिले के पूर्व कलेक्टर सुदाम खाडे ने निजी ट्यूबवेल,कुंए, बावड़ी,तालाब और अन्य निजी जल स्रोतों के अधिकरण के आदेश भी जारी किए थे ताकि पानी की किल्लत होने पर जल स्रोतों का अधिग्रहण किया जा सके।

वहीं भोपाल जिले में मार्च में बोरिंग पर रोक लगा दी गई थी। भोपाल जिले में पिछले साल 187 में से 23 पंचायतों में नल-जल योजना पूरी तरह से सूखी हुई थी।  4312 बोर में से 8% सूखे हुए हैं और 12 प्रतिशत सूखने की कगार पर है।

 

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