लाड़ली बहना को लेकर सामने आया बड़ा अपडेट, 3 लाख से ज्यादा बहनाओं को नहीं मिलेंगे 1500 रुपए, ये है वजह?

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 25 Aug, 2025 01:31 PM

big regarding ladli behna more than 3 lakh sisters will not get 1500 rup

मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी और लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि इस बार 10 हजार से ज्यादा महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब ये महिलाएं सितंबर...

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी और लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि इस बार 10 हजार से ज्यादा महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब ये महिलाएं सितंबर में आने वाली 28वीं किस्त से 1250 रुपए का लाभ नहीं उठा पाएंगी। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इस योजना को दो साल से कुछ ज्यादा समय हो चुका है। लेकिन इन चंद महीनों में ही अब तक कुल 3.92 लाख से ज्यादा महिलाओं के नाम लाभार्थी सूची से हटाए जा चुके हैं। यानी दिवाली की भाईदूज पर मिलने वाली बढ़ी हुई राशि 1500 रुपए का लाभ भी उन्हें नहीं मिलेगा।

क्यों काटे जा रहे नाम?
सरकार की ओर से जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अलग-अलग वजहों से लाखों बहनों को योजना से बाहर किया गया है। इसमें 60 वर्ष से अधिक आयु का होना सबसे बड़ा कारण है। केवल इसी वजह से अगस्त में 10,963 महिलाएं अपात्र घोषित की गईं।

अपात्र पाई गई महिलाओं की संख्या – 690
लाभ का परित्याग करने वाली महिलाएं – 890
मृत लाभार्थी महिलाएं – 646
समग्र पोर्टल से हटाई गईं महिलाएं – 426
आधार से समग्र डि-लिंक हुईं महिलाएं – 505


किन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ?
- 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं
- अविवाहित महिलाओं को भी नहीं मिलेगा लाभ
- ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख से अधिक है
- ऐसे परिवार जिनके सदस्य पूर्व सांसद/विधायक रह चुके हों
- ऐसे परिवार जिनका कोई सदस्य सरकारी सेवा/पद पर हो

नाम कट जाए तो क्या करें?
- नजदीकी CSC सेंटर या पंचायत कार्यालय से जानकारी लें
- अगर 60 वर्ष से कम आयु होने पर भी नाम कट गया है तो आपत्ति दर्ज कराएं
- आधार और समग्र पोर्टल सही तरीके से लिंक करें
- विभागीय हेल्पलाइन पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराएं

समग्र पोर्टल से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या
डाटा में यह भी सामने आया है कि कई महिलाओं को आधार से समग्र ID डि-लिंक होने के कारण सूची से बाहर किया जा रहा है। जब सिस्टम आधार और समग्र ID का कनेक्शन तोड़ देता है तो लाभार्थी की पहचान सत्यापित नहीं हो पाती। ऐसे में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) अटक जाता है और महिला को अपात्र मान लिया जाता है।

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