Edited By meena, Updated: 10 Apr, 2021 07:46 PM
कोरोना की दूसरी लहर इंसान की जिंदगी के लिए बेहद परेशानी और चिंताएं लेकर आई है, संक्रमित व्यक्ति और उनके परिजन परेशान हैं, इलाज व दवा के लिए यहां वहां भटक रहे हैं लेकिन न उन्हें दवा मिल रही है न समुचित इलाज, जैसे तैसे इंजेक्शन ले भी आये तो इंजेक्शन...
नरसिंहपुर(रोहित अरोरा): कोरोना की दूसरी लहर इंसान की जिंदगी के लिए बेहद परेशानी और चिंताएं लेकर आई है, संक्रमित व्यक्ति और उनके परिजन परेशान हैं, इलाज व दवा के लिए यहां वहां भटक रहे हैं लेकिन न उन्हें दवा मिल रही है न समुचित इलाज, जैसे तैसे इंजेक्शन ले भी आये तो इंजेक्शन तक नहीं लगाये जा रहे हैं। यह आरोप हैं जिला अस्पताल नरसिंहपुर में कोरोना से मृत हुए परिजनों के।

अपनी मां को खो देने वाली उनकी बेटी अस्पताल परिसर में दहाड़े मार मारकर रोती हुई अपना दर्द बयां करती रही और जिम्मेदार जांच की बात कहकर चलते बने। यह घटना मानवीय संवेदनाओं को खो देने और प्रबंधन की लापरवाही से जुड़ी है जिसमें लोग अपनों को खोते जा रहे हैं। जिला अस्पताल नरसिंहपुर में गुरूवार को कोरोना से जंग हार चुकी एक 50 वर्षीय महिला की पुत्री का गुस्सा आला अधिकारियों के सामने ही जिला अस्पताल के कुप्रबंधन पर फूट पड़ा। वह चीख-चीखकर रूदन करती आरोप लगाती रही कि यदि उसकी मां को समय पर बेहतर उपचार मिल जाता तो आज वह जीवित होतीं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में युवती ने अपने दर्द को बयां करते हुए अपर कलेक्टर व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के समक्ष दवाओं की आपूर्ति को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। उसने कहा कि अस्पताल में न इंजेक्शन है न दवा। जैसे-तैसे बाजार से दस गुने रेट में इंजेक्शन लायी तो स्वाथ्य विभाग द्वारा कहा गया कि जब किट पहनेंगे तब लगाएंगे। अभी हमारे पास टाईम नहीं हैं। यदि समय पर मेरी मां को समुचित उपचार मिल जाता तो वे आज वे मेरे पास होतीं। मृत महिला के परिजनों का सीधा आरोप है कि अस्पताल में दवा नहीं है तो भर्ती मत करो, कह दो कि अपने हाल पर जियो या मरो। अब मैं क्या करूं, मेरी मां चली गई l