MP में वंशवाद हावी, सबसे ज्यादा परिवारवाद BJP में, कांग्रेस भी कम नहीं, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा?

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 16 Sep, 2025 12:34 PM

dynasty dominates in mp bjp has the most nepotism congress is no less

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताज़ा रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि मध्य प्रदेश की राजनीति में परिवारवाद गहराई तक पैठ बना चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के हर चौथे सांसद और विधायक का सीधा नाता राजनीतिक परिवारों से है। परिवारवाद के...

भोपाल: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताज़ा रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि मध्य प्रदेश की राजनीति में परिवारवाद गहराई तक पैठ बना चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के हर चौथे सांसद और विधायक का सीधा नाता राजनीतिक परिवारों से है। परिवारवाद के खिलाफ हुंकार भरने वाली भाजपा में खुद बहुत से दिग्गज नेता परिवार की वजह से पद में हैं।

MP के 270 में से 57 नेता परिवारवाद से जुड़े
MP के कुल 270 सांसद-विधायकों में से 57 (21%) जनप्रतिनिधि ऐसे हैं, जिनकी जड़ें परिवारवाद से जुड़ी हुई हैं। इनमें 41 पुरुष और 16 महिलाएं शामिल हैं। इससे साफ है कि प्रदेश की सियासत में वंशवाद एक बड़ा कारक बन चुका है। देशभर में परिवारवाद मामलों में मध्य प्रदेश छठे नंबर पर है।

विधानसभा में 48 वंशवादी विधायक
प्रदेश के 230 विधायकों में से 48 का बैकग्राउंड राजनीतिक परिवार से जुड़ा है। इनमें भाजपा के 28 और कांग्रेस के 20 विधायक हैं।


BJP के 163 विधायकों में 28 नेता वंशवाद की देन..
BJP में 28 विधायक परिवार के कारण पदों पर हैं। जिसमें से विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, सुरेंद्र पटवा, सिद्धार्थ तिवारी, ओम प्रकाश सकलेचा, मालिनी गौड़, गायत्री राजे पवार, नीना विक्रम वर्मा, जितेंद्र सिंह पंड्या, शिवनारायण सिंह, आशीष गोविंद शर्मा, प्रणय प्रभात पांडेय, गंगा सिंह उइके, सरला रावत, राधा सिंह, प्रतिभा बागरी, विक्रम सिंह, उमाकांत शर्मा, संजय पाठक, निर्मला भूरिया, दिव्यराज सिंह, अशोक रोहाणी, मनोज पटेल, महेंद्र सिंह यादव, अर्चना चिटनीस, मंजू राजेंद्र दादू, गायत्री राजे पवार का नाम शामिल है।

कांग्रेस में परिवार से आए नेता
वहीं बात कांग्रेस कि की जाए तो इसमें 20 विधायक परिवार से आते हैं। जिसमें जयवर्धन सिंह, अजय सिंह, उमंग सिंघार, विक्रांत भूरिया, सचिन यादव, नितेंद्र सिंह राठौर, रजनीश सिंह, राजेंद्र भारती, रिषी अग्रवाल, अभिजीत शाह, विजय रेवनाथ चौरे, राजेंद्र कुमार सिंह, सेना महेश पटेल, हेमंत कटारे, आतिफ अकील, संजय उइके, सिद्धार्थ डब्बू कुशवाह, सुरेंद्र सिंह हनी बघेल, संजय उइके, झूमा सोलंकी और अनुभा मुंजारे परिवारवाद की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं।

लोकसभा में 5, और राज्यसभा में 4 सांसद 
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 5 सांसद राजनीतिक परिवार से आते हैं। इनमें ज्यादातर महिला सांसद हैं। जिसमें भारती पारधी (बालाघाट), अनिता चौहान (रतलाम), लता वानखेड़े (सागर), हिमाद्री सिंह (शहडोल) और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (गुना-शिवपुरी) इसमें शामिल हैं। एमपी से राज्यसभा की 11 सीटों में 4 सांसद वंशवाद से जुड़े हैं। इनमें कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और अशोक सिंह, जबकि भाजपा से सुमेर सिंह सोलंकी और कविता पाटीदार का नाम आता है।

MP के बड़े चेहरे, जो परिवार की वजह से पदों में
वंशवाद से आने वाले बड़े नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह, अजय सिंह, उमंग सिंघार, सचिन यादव, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, हिमाद्री सिंह, विक्रांत भूरिया, संजय पाठक और गायत्री राजे पवार जैसे नाम प्रमुख हैं।

 

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