जिंदा शख्स को एक बार नहीं दो-दो बार किया मृत घोषित, परिजन शव लेने पहुंते तो...

Edited By meena, Updated: 16 Apr, 2021 06:50 PM

कोरोना एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही बहुत से सवाल मन में उठने लगते हैं। कोरोना के मौत के तांडव के बीच अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित को डॉक्टर जो कह देते हैं परिजनों को उनकी बात मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता है और ऐसे मरीजों को अस्पताल...

विदिशा(अभिनव चतुर्वेदी): कोरोना एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही बहुत से सवाल मन में उठने लगते हैं। कोरोना के मौत के तांडव के बीच अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित को डॉक्टर जो कह देते हैं परिजनों को उनकी बात मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता है और ऐसे मरीजों को अस्पताल से ही पैक करके हॉस्पिटल की ही एंबुलेंस है मुक्तिधाम तक पहुंचा दिया जाता है। अंतिम क्रिया कर्म भी शासकीय कर्मी करते हैं। अब इसमें मरीज की अंदर से सांसे चल रही हो या ना हो किसे पता।

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ऐसा ही एक मामला विदिशा के अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज का है। मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने एक ऐसे मरीज को एक बार नहीं दो दो बार मृत बता दिया जिसकी अभी वेंटिलेटर पर सांसे चल रही है जबकि डॉक्टर के कहने पर उस मरीज गोरेलाल के परिजन विदिशा के मुक्तिधाम में लकड़ी भी जमाने लग गए थे। लेकिन अचानक बताया गया कि अभी उनकी सांसे थमी नहीं बल्कि चल रही हैं। जब इतनी बड़ी गलती की जानकारी बाहर आई तो अब मेडिकल कॉलेज के डीन कहने लगे सांसे रुक गई थी लेकिन जब दोबारा हार्ट को हाथ से पैकिंग किया तो फिर से सांसे चलने लगी जबकि अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों के हाथों में मरीज को मृतक बनाकर मृत्यु प्रमाण पत्र भी दे दिया।

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मामला विदिशा के ग्राम सुल्तानिया के रहने वाले 58 साल के गोरेलाल कोरी का है। जिन्हे 12 अप्रैल की शाम सांस में तकलीफ के चलते मेडीकल कॉलेज में भर्ती किए था। गले में खराश और सर्दी के कारण मरीज को संदिग्ध कोरोना पेशेंट मानकर वेंटिलेटर पर ले गए। दो-तीन दिन इलाज ऐसे ही चलता रहा। फिर शाम 4 बजे कॉलेज के प्रबंधन ने बताया कि मरीज की मौत हो गई। जब परिजन अंदर पहुंचे तो बताया भी अभी मौत नहीं हुई है सांसे चल रही हैं, डॉक्टरों ने कहा गले का ऑपरेशन करना पड़ेगा। फिर दोबारा शाम को 6:30 बजे अस्पताल से मरीजों के परिजन को कॉल आया कि आपके पिताजी कि ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई है।

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विदिशा के अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज के डीन से इस घोर लापरवाही के विषय में मीडिया ने पूछा तो डीन कहने लगे मरीज सीरियस था उसको वेंटिलेटर पर रखा था बीच में उसकी सांसे रुक गई थी फिर पंप किया गया तो सांसे फिर से चलने लगी है यह सब कन्फ्यूजन नर्स के द्वारा हुआ है लेकिन मरीज सीरियस है। डीन ने कहा मरीज वेंटिलेटर पर ही था उसकी अचानक हृदय गति रुक गई थी लेकिन डेढ़ 2 घंटे में हृदय को पंप किया गया सांसे आ गई यह कन्फ्यूजन थोड़ा नर्स के द्वारा हो गया है बाद में हमने उनके वीडियो और फोटो मरीज को दिखा दिए हैं कि वह वेंटिलेटर पर सांसे ले रहे हैं लेकिन सीरियस हैं।

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