Edited By meena, Updated: 06 Aug, 2024 08:10 PM
मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को राज्य में हुए ड्रेनेज घोटाले और अन्य घोटालों को लेकर इंदौर नगर निगम कार्यालय के...
इंदौर : मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को राज्य में हुए ड्रेनेज घोटाले और अन्य घोटालों को लेकर इंदौर नगर निगम कार्यालय के सामने धरना दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव सहित अन्य कांग्रेस नेता और पार्टी कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने एक सभा भी आयोजित की, जिसे पटवारी सहित कई नेताओं ने संबोधित किया। प्रदेश अध्यक्ष पटवारी के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता जब संभागायुक्त कार्यालय को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे, तभी पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया। इस दौरान कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं। इस दौरान कई पत्रकार और कैमरामैन घायल हुए हैं।
जीतू पटवारी ने कहा, "इंदौर नगर निगम में 2000 करोड़ रुपये के घोटाले और फर्जी बिल हैं, अगर इसकी सही तरीके से जांच हो जाए तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मेयर-इन-काउंसिल (एमआईसी) के सदस्य जेल में होंगे। कांग्रेस पार्टी इस मामले की शिकायत लोकायुक्त और सीबीआई से करेगी।" उन्होंने कहा कि जब तक संबंधित भ्रष्ट लोग जेल में नहीं होंगे, कांग्रेस पार्टी पीछे नहीं हटेगी।
जीतू पटवारी ने विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार का अपहरण किया और उनसे नामांकन वापस लेने को कहा। पटवारी ने कहा, "कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस प्रत्याशी का अपहरण कर लिया और इंदौर की जनता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका नहीं दिया। इंदौर की जनता ने भाजपा पर बहुत भरोसा किया और पांच बार भाजपा के नेतृत्व वाली नगर निगम बनाने के लिए वोट दिया। लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली नगर निगम ने जनता को धोखा दिया और काम होने दिए बिना बिल बनाकर 2000 करोड़ रुपये का घोटाला किया।" इंदौर में हाल ही में हुए बड़े पौधरोपण अभियान पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि विजयवर्गीय यहां पेड़ नहीं लगा रहे थे बल्कि सीएम मोहन यादव की जड़ें हिला रहे थे।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) राम सनेही मिश्रा ने कहा, "शहर में कांग्रेस के विरोध को देखते हुए हमने यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की थी कि विरोध के दौरान आम जनता को कोई परेशानी न हो। इसके लिए बैरिकेड्स लगाए गए थे। लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स फांदने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप पानी की बौछारें की गईं।" उन्होंने कहा कि ज्ञापन लेने के बाद सभी को शांतिपूर्वक तितर-बितर कर दिया गया और हर जगह शांति रही।