केंद्र सरकार से MP को मिला न के बराबर फंड, शिवराज-प्रहलाद भी कुछ नहीं कर पाए, कई योजनाओं का काम रुका

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 21 Oct, 2025 08:24 PM

mp received negligible funds from the central government

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार के राजस्व संग्रहण में फेल्योर के बीच अब केंद्र सरकार की ओर से भी फंड की कमी ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में केंद्र से मिलने वाली अंश राशि का केवल 18.07%...

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार के राजस्व संग्रहण में फेल्योर के बीच अब केंद्र सरकार की ओर से भी फंड की कमी ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में केंद्र से मिलने वाली अंश राशि का केवल 18.07% ही राज्य को मिला है।

केंद्र से सिर्फ ₹8027 करोड़ मिले, तय प्रावधान ₹44,355 करोड़ का
राज्य सरकार को चालू वित्त वर्ष में केंद्र से ₹44,355.95 करोड़ मिलने थे, लेकिन अब तक ₹8027.12 करोड़ ही जारी किए गए हैं। यह राशि केंद्र से मिलने वाले कुल फंड का सिर्फ 18.07 प्रतिशत है। इस कारण प्रदेश में केंद्र सहायता से चलने वाली योजनाओं की रफ्तार थमने लगी है।

केंद्र में एमपी नेतृत्व भी कमजोर साबित
फंड दिलाने में केंद्र में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय भी प्रभावी पैरवी नहीं कर पाए हैं। परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण योजनाओं का काम अधर में लटक गया है।

पहली छमाही का राजस्व टारगेट अधूरा, इन योजनाओं पर पड़ा असर
राज्य के राजस्व विभाग भी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं। तय लक्ष्य के मुकाबले सरकार ₹5000 करोड़ कम राजस्व जुटा पाई है। इससे वित्तीय घाटा बढ़ना तय है और नई योजनाओं पर असर पड़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा अब तक फंड जारी न किए जाने से जिन योजनाओं पर सीधा असर पड़ा है, उनमें नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण, उपस्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), ई-बस योजना, जल जीवन मिशन और ई-विधान परियोजना.. इन योजनाओं में केंद्र से हिस्सा न आने के कारण राज्य सरकार ने भी अपनी अंश राशि जारी नहीं की है।

कई विभागों को एक भी रुपए नहीं मिले
छह माह बीतने के बाद भी जिन विभागों को केंद्र से फंड नहीं मिला, उनमें खनिज साधन विभाग, जेल विभाग (आधुनिकीकरण हेतु ₹15 करोड़ लंबित), राजस्व विभाग (डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण हेतु ₹50 करोड़ लंबित), सहकारिता विभाग (₹8.07 करोड़ लंबित), श्रम विभाग (₹1.24 करोड़ लंबित) शामिल हैं

जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों से फंड अटका
सूत्रों के मुताबिक, जल जीवन मिशन में कथित भ्रष्टाचार और पीएचई मंत्री पर कमीशनखोरी के आरोपों के कारण केंद्र सरकार ने अब तक इस योजना के लिए ₹8561.22 करोड़ की राशि जारी नहीं की है। इससे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में चल रही जल परियोजनाएँ रुक गई हैं।

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