Edited By meena, Updated: 03 Dec, 2025 01:44 PM

मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ सरकार ‘लाड़ली लक्ष्मी’ जैसी योजनाओं को बेटियों के सशक्तिकरण की बड़ी उपलब्धि बताती है, वहीं दूसरी ओर विधानसभा में सामने आए आंकड़े एक....
भोपाल : मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ सरकार ‘लाड़ली लक्ष्मी’ जैसी योजनाओं को बेटियों के सशक्तिकरण की बड़ी उपलब्धि बताती है, वहीं दूसरी ओर विधानसभा में सामने आए आंकड़े एक बेहद चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में बताया कि मार्च 2020 से 2025 तक कुल 2916 बाल विवाह के मामले दर्ज हुए।
कोरोना काल के बाद हर साल बढ़े मामले
विभाग द्वारा दिए गए जिलेवार आंकड़ों से यह साफ होता है कि बीते छह वर्षों में बाल विवाह के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी हुई है। कोविड महामारी के बाद से इन मामलों में अचानक उछाल दर्ज किया गया, जो सामाजिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर चिंता का विषय है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा बाल विवाह
सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में कुछ जिले सबसे अधिक प्रभावित के रूप में सामने आए हैं—
- राजगढ़
- गुना
- देवास
- रतलाम
- छतरपुर
इन जिलों में दर्ज मामलों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में कहीं अधिक है, जो बताता है कि यहां समस्या गहरी जड़ें जमाए हुए है।
कड़े कदमों की जरूरत
आंकड़े संकेत देते हैं कि मौजूदा अभियान और जागरूकता कार्यक्रम पर्याप्त नहीं हैं। साफ है कि बाल विवाह रोकने के लिए और अधिक प्रभावी, कठोर और व्यापक रणनीति की जरूरत है-चाहे वह सामाजिक जागरूकता का विस्तार हो, प्रशासनिक निगरानी बढ़ाना हो या फिर कानूनों के कड़ाई से पालन की दिशा में ठोस कदम।