भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण को लेकर MP हाईकोर्ट का बेहद अहम फैसला, EWS और OBC उम्मीदवारों की उम्मीदों को झटका

Edited By Desh sharma, Updated: 19 Dec, 2025 09:35 PM

mp high court s crucial decision on reservation in the recruitment process

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आरक्षण को लेकर एक बेहद अहम और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले की काफी चर्चा भी हो रही है। दरअसल हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी प्रत्याशी ने भर्ती प्रक्रिया के किसी भी चरण में आरक्षण का लाभ लिया है, तो वह बाद में खुद को...

(भोपाल): मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आरक्षण को लेकर एक बेहद अहम और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले की काफी चर्चा भी हो रही है। दरअसल हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी प्रत्याशी ने भर्ती प्रक्रिया के किसी भी चरण में आरक्षण का लाभ लिया है, तो वह बाद में खुद को सामान्य कैटेगरी में शामिल करने की मांग नहीं कर सकता है।

याचिका पुलिस कांस्टेबल भर्ती से जुड़े मामले में थी

ये फैसला उस याचिका पर आया है जिसनें OBC और EWS वर्ग से संबंध रखने वाली 3 महिला उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। यह याचिका पुलिस कांस्टेबल भर्ती से जुड़े मामले में थी। महिला उम्मीदवारों का कहना था कि उनके कुल अंक सामान्य कैटेगरी की कट-ऑफ से ज्यादा हैं, इसलिए उन्हें जनरल कोटे में  चयनित कर लिया जाए।

तीनों महिलाओं ने लिखित परीक्षा OBC और EWS श्रेणी के तहत दी थी

जानकारी के मुताबिक तीनों महिलाओं ने लिखित परीक्षा OBC और EWS श्रेणी के तहत दी थी। गौर करने वाली बात है कि लिखित परीक्षा में इनके अंक जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों से कम थे,लेकिन फिजिकल फिटनेस टेस्ट में इनकी परफार्मेंस काफी अच्छी रही और कुल अंक जनरल कैटेगरी की कट-ऑफ से ऊपर चले गए। ऐसा होने पर भी इनका नाम फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं आया। इसके लिए ही ये उम्मीदवार हाईकोर्ट में पहुंचे। लेकिन कोर्ट ने इनकी  याचिका खारिज कर दी क्योंकि कोर्ट ने याचिका का कोई ठोस आधार नहीं पाया ।

एक बार  रिजर्वेशन का लाभ लेने के बाद उम्मीदवार कैटेगरी बदलने की मांग नहीं कर सकता-कोर्ट

कोर्ट ने क्लीयर कट कहा कि  कुल अंकों को मामले में आधार नहीं बनाया जा सकता है। अगर याचिकाकर्ताओं ने लिखित परीक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं लिया होता, तो वे दूसरे चरण तक पहुंच ही नहीं पातीं, जिसके आधार पर उन्होंने याचिका दाखिल की है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बिल्कुल साफ कर दिया कि भर्ती प्रक्रिया में एक बार  रिजर्वेशन का लाभ लेने के बाद उम्मीदवार कैटेगरी बदलने की मांग नहीं कर सकता है।

 हाईकोर्ट का ये फैसला बहुत अहम माना जा रहा

फिलहाल हाईकोर्ट के इस फैसले को बहुत ही अहम और खास माना जा रहा है। आरक्षण के  लाभ कैसे और किसी आधार पर लिया जा सकता है कोर्ट ने यहां बताने का प्रयास किया है। लिहाजा तीनों उम्मीदवारों ने जो सोचा था वो नहीं हुआ।

 

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