Edited By Vikas Tiwari, Updated: 08 Dec, 2025 02:36 PM

प्रदेश में गाइडलाइन दरों और उपबंधों के पुनरीक्षण को लेकर लगातार मिल रहे सुझावों व आपत्तियों पर विचार करते हुए केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में मूल्यांकन प्रणाली को सरल बनाने, पारदर्शिता बढ़ाने और रियल एस्टेट सेक्टर...
रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह): प्रदेश में गाइडलाइन दरों और उपबंधों के पुनरीक्षण को लेकर लगातार मिल रहे सुझावों व आपत्तियों पर विचार करते हुए केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में मूल्यांकन प्रणाली को सरल बनाने, पारदर्शिता बढ़ाने और रियल एस्टेट सेक्टर को गति देने के उद्देश्य से कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। ये सभी प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।
1400 वर्ग मीटर तक की भूमि पर इंक्रीमेंटल गणना खत्म
बोर्ड ने तय किया कि नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल आधार पर की जा रही गणना प्रणाली को समाप्त किया जाए। अब मूल्यांकन फिर से पूर्व निर्धारित स्लैब प्रणाली के आधार पर किया जाएगा—
- नगर निगम क्षेत्र: 50 डेसिमल
- नगर पालिका: 37.5 डेसिमल
- नगर पंचायत: 25 डेसिमल
इस कदम से मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सरल होगी।
अब सुपर बिल्ट-अप नहीं, बिल्ट-अप एरिया पर होगा मूल्यांकन
फ्लैट, दुकान और ऑफिस जैसे बहुमंजिला भवनों की संपत्तियों के अंतरण पर अब सुपर बिल्ट-अप एरिया के स्थान पर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य तय किया जाएगा। यह बदलाव लंबे समय से उठाई जा रही मांगों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा। शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग संभव होगा।
बहुमंजिला भवनों पर मूल्यांकन में छूट
केंद्रीय बोर्ड ने राहत देते हुए बहुमंजिला और व्यावसायिक इमारतों के लिए विशेष छूट की घोषणा की, बेसमेंट व प्रथम तल: 10% कमी, द्वितीय तल और ऊपर: 20% कमी, यह निर्णय मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देगा।
20 मीटर से अधिक दूरी वाली कमर्शियल संपत्तियों को 25% की छूट
जो व्यावसायिक संपत्तियां मुख्य सड़क से 20 मीटर से अधिक दूर स्थित हैं, उनका मूल्यांकन अब 25% कम दर पर किया जाएगा। 20 मीटर की दूरी भवन के मुख्य सड़क की ओर बने भाग से मापी जाएगी, जिससे मूल्यांकन अधिक न्यायसंगत होगा। जिलों को 31 दिसंबर तक नई दरों के प्रस्ताव भेजने के निर्देश।
बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को आदेश दिया है कि हाल ही में बढ़ी गाइडलाइन दरों पर प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर परीक्षण कर वे 31 दिसंबर 2025 तक संशोधित दरों के प्रस्ताव तैयार कर भेजें। बोर्ड इन्हें अध्ययन कर आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा।
केंद्रीय बोर्ड के ये नए प्रावधान
संपत्ति खरीद-फरोख्त को आसान बनाएंगे, दरों में अनावश्यक वृद्धि को नियंत्रित करेंगे। किफायती आवास और व्यावसायिक स्थानों की उपलब्धता बढ़ाएंगे। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इन फैसलों से प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर में गति आएगी और आम नागरिकों को भी सीधा लाभ मिलेगा।