Edited By Vikas Tiwari, Updated: 07 Apr, 2021 02:46 PM
मध्यप्रदेश अजब है, यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था गजब है। ऐसा हम इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि खरगोन जिला अस्पताल में आधी रात कोरोना और सम्भावित मरीजों को दिए जाने वाले बड़े आक्सीजन सिलेंडर अचानक से खत्म हो गए। जिससे मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी।...
खरगोन (त्रिलोक रामणेकर): मध्यप्रदेश अजब है, यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था गजब है। ऐसा हम इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि खरगोन जिला अस्पताल में आधी रात कोरोना और सम्भावित मरीजों को दिए जाने वाले बड़े आक्सीजन सिलेंडर अचानक से खत्म हो गए। जिससे मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। छोटे सिलेंडर भी वहां काम ना आये।
मामला खरगोन के जिला अस्पताल का है। जहां रात 9 बजे आक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गए। जिससे मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। हद तो तब हो गई जब ऑक्सीजन सिलेंडर की गाड़ी करीब 11.30 बजे जिला अस्पताल पहुंची, तो परिजन खुद आक्सीजन सिलेंडर अपने मरीज के लिए ले जा रहे थे। इस शर्मनाक मंजर को देखकर जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं जब इस बारे में अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारी से बात की गई तो उसने ये कहकर मामले से पल्ला झाड़ दिया कि ऊपर से ऑक्सीजन की कमी आ रही है, वे क्या कर सकते हैं।
उधर ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को लेकर कांग्रेस के विधायक रवि जोशी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उनकी माने तो ऑक्सीजन सिलेंडर दमोह में उप चुनाव के प्रचार पर गए हैं। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल के अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। बता दें कि अगर ऑक्सीजन सिलेंडर समय पर ना आते तो मरीज की जान भी जा सकती थी। इस सबका जिम्मेदार कौन होता, ये बड़ा सवाल है ? इस मामले ने सरकारी अस्पताल की सुविधाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है