Edited By meena, Updated: 15 Dec, 2025 04:19 PM

दुर्ग जिले के धमधा क्षेत्र में एक किशोर युवक का शव संदिग्ध हालत में मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान तामेश्वर ठाकुर (16 वर्ष), निवासी सोनेसरार, धमधा के रूप में हुई है। तामेश्वर कक्षा 9वीं का छात्र था और शनिवार
दुर्ग (हेमंत पाल) : दुर्ग जिले के धमधा क्षेत्र में एक किशोर युवक का शव संदिग्ध हालत में मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान तामेश्वर ठाकुर (16 वर्ष), निवासी सोनेसरार, धमधा के रूप में हुई है। तामेश्वर कक्षा 9वीं का छात्र था और शनिवार को अपने चाचा के साथ दुर्ग जाने के लिए घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। सोमवार को उसका शव महाराजपुर चौक के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से परिजनों और ग्रामीणों में शोक के साथ-साथ भारी आक्रोश फैल गया।
सूचना मिलते ही धमधा थाना प्रभारी युवराज साहू पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई की और पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धमधा भेजा। पोस्टमार्टम के दौरान मृतक के परिजनों ने शव को घर तक ले जाने के लिए मुक्तांजलि वाहन उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन अस्पताल में वाहन उपलब्ध न होने के कारण विवाद की स्थिति बन गई।
परिजनों का कहना है कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन धमधा जैसे क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। दुख की इस घड़ी में शव वाहन न मिलना परिजनों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। परिजनों और स्थानीय लोगों ने व्यवस्था के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

इस मामले पर धमधा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. डी.पी. ठाकुर ने कहा कि धमधा ब्लॉक में फिलहाल एक भी मुक्तांजलि वाहन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर जिले से मुक्तांजलि वाहन भेजी जाती है, लेकिन इसमें समय लग सकता है। इस जवाब से परिजनों का आक्रोश और बढ़ गया।
अंततः मजबूरी में परिजन ऑटो रिक्शा से ही शव को घर ले गए। यह दृश्य देख मौके पर मौजूद लोग भावुक हो उठे और स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे। लोगों का कहना है कि यदि समय पर मुक्तांजलि वाहन उपलब्ध होता, तो परिजनों को इस अपमानजनक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मौत के कारणों का खुलासा होने की बात कही जा रही है। वहीं, यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली और सरकारी वादों की हकीकत को उजागर करती नजर आ रही है।