Edited By Jagdev Singh, Updated: 09 Jan, 2020 04:35 PM
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ पर बनी फिल्म ''सफारी विद सुयश" की स्क्रीनिंग दो दिन पहले भोपाल में हुई। इस फिल्म को प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी देखा और कहा कि कमाल कर दिया। सीमित संसाधन में वाइल्ड लाइफ पर बनी इस फिल्म में ताला के...
उमरिया: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ पर बनी फिल्म 'सफारी विद सुयश" की स्क्रीनिंग दो दिन पहले भोपाल में हुई। इस फिल्म को प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी देखा और कहा कि कमाल कर दिया। सीमित संसाधन में वाइल्ड लाइफ पर बनी इस फिल्म में ताला के एक जिप्सी चालक और गाइड ने भी काम किया है।
इस फिल्म का निर्माण दिल्ली के रहने वाले शुयश केसरी ने किया है। बताया गया है कि फिल्म के प्री शूट और पोस्ट शूट में 6 महीने का समय लगा था। फिल्म को शूट करने में तीन महीने का समय लगा और शूटिंग के बाद तीन महीने में फिल्म की एडिटिंग आदि का काम किया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए फिल्म के डायरेक्टर सुयश केसरी ने बताया कि फिल्म को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल के लिए बनाया गया है।
वहीं इस फिल्म सफारी विद सुयश में जिप्सी चालक और गाइड के रूप में दिखाई देने वाले दोनों लोग उमरिया जिले के ताला के रहने वाले हैं और बांधवगढ़ में रजिस्टर्ड चालक और गाइड हैं। चालक नरेश सिंह और गाइड राजेश साहू जब फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान भोपाल पहुंचे तो सीएम कमलनाथ ने उनके काम की भी जमकर सराहना की और कहा कि पर्यटन ऐसे ही जागरूक चालक और गाइड के दम पर बेहतर ढंग से चल रहा है।
बांधवगढ़ में बनी फिल्म सफारी विद सुयश जंगल और जंगल के जानवरों के सौंदर्य को प्रदर्शित करती है। यह फिल्म बांधवगढ़ के सौंदर्य का वर्णन करती हुई आगे बढ़ती है और जंगल की दुनिया में दिलचस्पी रखने वालों को आकर्षित करती है। इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य भी यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग जंगल पहुंचे और सफारी करेंं। इस फिल्म में बांधवगढ़ के सबसे सुंदर दृश्यों को शूट किया गया है।